तो क्या शिव सेना के रवैये से नाराज चल रही है आठवले की RPI

 

बीजेपी-शिव सेना की सहयोगी पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI. A) के कई कार्यकर्ता सहित मुंबई अध्यक्ष सहयोगी पार्टी के रवैये से नाराज बताये जा रहे हैं। जिन सीटों पर RPI अपने उम्मीदवार उतारना चाहती थी उन सीटों पर शिव सेना ने अपने उम्मीदवार उतार दिए।  

दरअसल गठबंधन के तहत मानखुर्द-शिवाजी नगर सीट RPI के लिए छोड़ी गयी थी, इस सीट से खुद  RPI  के मुंबई अध्यक्ष गौतम सोनावणे लड़ने वाले थे, लेकिन ऐन समय पर शिव सेना ने इस सीट से अपने उम्मीदवार विट्ठल लोकरे को AB फॉर्म दे दिया, जिसके बाद गौतम को पीछे हटना पड़ा। शिव सेना के इस रवैये से RPI के कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी नाराज बताये जा रहे हैं।

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बीजेपी ने RPI के लिए कुल छह सीटें छोड़ी थीं जिसमें मालशिरस, फलटण, पाथरी, नायगाव, भंडारा, और मानखुर्द शिवाजीनगर जैसी सीटें शामिल थीं, लेकिन इनमें से एक सीट पर शिव सेना ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया है और जबकि अन्य पर दुसरे उम्मीदवार को समर्थन दे रही है।

गौतम सोनावणे को आठवले का करीबी माना जाता है, आठवले ने सोनावणे से बात करके उन्हें टिकट वापस लेने के लिए मना तो लिया, साथ ही इस बात का आश्वासन भी दिया है कि गठबंधन में वापस आने के बाद उनके साथ न्याय किया जाएगा।

विधानसभा के इस चुनाव में बीजेपी 164, शिव सेना 124 और अन्य सहयोगी पार्टी 14 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, इसमें भी शिव सेना को छोड़ कर सहयोगी पार्टियां कई सीटों पर बीजेपी के निशान पर चुनाव लड़ रही हैं। इस बात को लेकर भी सहयोगी पार्टियों में नाराजगी फैली हुई है।

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