आपको क्या बोलना है इसका पता होना चाहिए, शिव सेना ने कांग्रेस को लिया आड़े हाथ

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (mpcc) के अध्यक्ष नाना पटोले (nana patole) ने हाल ही में यह बयान देकर अपनी सहयोगी पार्टी शिवसेना (shiv sena) और एनसीपी (NCP) को असहज कर दिया था कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री उन पर नजर बनाए हुए हैं। इस बयान से एक बार फिर महाविकास अघाड़ी (mva) में तनाव पैदा हो गया है। इस बयान के बाद शिवसेना सांसद अरविंद सावंत (arvind sawant) ने पटोले के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि, उन्हें पता होना चाहिए कि वे क्या कह रहे हैं।

News18 लोकमत न्यूज चैनल से बात करते हुए अरविंद सावंत ने कहा, "नाना पटोले एक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं, वे विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं, इसलिए हमें इस बात से अवगत होना चाहिए कि हम किस बारे में बात कर रहे हैं। नाना पटोले जो कहना चाहते हैं, उन्हें अकेले में कहना चाहिए न कि मंच पर।"

सावंत ने कहा, अगर आपको कोई परेशानी है तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) या बालासाहेब थोराट (balasaheb thorat) को बताएं, लेकिन इस तरह का बयान देना ठीक नहीं है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ऐसे लोग मुख्यमंत्री की छवि खराब नहीं करेंगे। अरविंद सावंत ने स्पष्ट किया कि अब उनकी पार्टी और मुख्यमंत्री तय करेंगे कि उन्हें कैसे रोका जाए।

बता दें कि, महाराष्ट्र के लोनावाला में आयोजित कांग्रेस के एक कार्यक्रम में नाना पटोले ने यह कह कर सनसनी मचा दी थी कि, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (ajit pawar) उन पर नजर रख रहे हैं, उनकी गतिविधि पर आईबी की मदद से नजर रखी जा रही है।

उन्होंने कहा, सोनिया गांधी ने कहा है कि, महाराष्ट्र कांग्रेस की भूमि है। हमें सत्ता मेंं आना ही होगा। मैं उन्हें आश्वस्त करने आया हूं कि मैंने महाराष्ट्र में कांग्रेस को सत्ता में लाने का मन बना लिया है।किसी के डरने की कोई वजह नहीं है। मैंने बैठक में फोन टैपिंग का जिक्र किया था। कुछ लोग मुझे हमेशा के लिए खुशी से जीने नहीं देंगे। सत्ता के साथ रहते हुए भी मुख्यमंत्री और गृह मंत्री का पद उनके पास है।

नाना पटोले ने अप्रत्यक्ष रूप से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा, उन्हें पता है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस का उदय हो रहा है। आईबी की रिपोर्ट मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को उनके घरों पर रोजाना सुबह नौ बजे पहुंच जाती है। बैठकें कहां हो रही हैं, आंदोलन कहां चल रहा है, स्थिति क्या है, इसकी सूचना देनी पड़ती है। मैं यहां हूं, यह खबर भी चली गई होगी। कोई नहीं जानता कि मेरी सभा रात के 3 बजे हुई, लेकिन वे जानते हैं। क्योंकि उनके पास वह सिस्टम है।

अगली खबर
अन्य न्यूज़