इंडी गठबंधन के सांसदों ने अंतरात्मा की आवाज सुनी-सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे

उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में INDI ग़ठबंधन के वोट टूटने के बाद शिवसेना सांसद और एनडीए उम्मीदवार के प्रतिनिधि डॉ. श्रीकांत शिंदे ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधा। डॉ. श्रीकांत शिंदे ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी के आव्हान पर इंडी गठबंधन के सांसदों ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और एनडीए उम्मीदवार को वोट दिया।(The MPs of the Indy Alliance listened to the voice of their conscience says MP Dr. Shrikant Shinde)

इंडी एलायंस में पड़ी फूट

उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में इंडी गठबंधन में फूट पड़ गई। इस चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार सीपी. राधाकृष्णन जी को पहली पसंद के ४५२ वोट मिले, जबकि इंडी गठबंधन के उम्मीदवार, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी को ३०० वोट मिले। इसे देखते हुए यह साफ़ है की विपक्ष के वोटों में फुट पड़ गई। इसी को लेकर शिवसेना सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने ट्वीट कर राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा की उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करते समय अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनने का आव्हान राहुल गांधी ने इंडी गठबंधन के सांसदों से किया था।

'इंडी गठबंधन के सांसदों ने उनकी बात मानी'

सच में इंडी गठबंधन के सांसदों ने उनकी बात मान ली और अंतरात्मा की आवाज सुनकर उनमें से कई सांसदों ने अपनी पहली पसंद का वोट सी.पी. राधाकृष्णन जी के पक्ष में डाला। डॉ. श्रीकांत शिंदे ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर विश्वास ही असली अंतरात्मा की आवाज है, और यह बात अब विपक्ष को देर से ही सही लेकिन समझ में आने लगी है। एनडीए को वोट देने वाले इंडी गठबंधन के सांसदों का उन्होंने आभार भी जताया।

ऑपरेशन सिंदूर जैसे महत्वपूर्ण कदम

सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पिछले १० सालों से जिस तरह से काम कर रहे हैं, ऑपरेशन सिंदूर जैसे महत्वपूर्ण कदम और केंद्र सरकार की नीतियों के कारण न केवल एनडीए सांसद बल्कि विपक्षी सांसद भी प्रभावित हुए हैं। इसी वजह से उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में विपक्षी दलों के सांसदों ने भी मतदान किया है। 

उम्मीदवार प्रतिनिधि के रूप में जिम्मेदारी 

उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने उम्मीदवार प्रतिनिधि के रूप में जिम्मेदारी संभाली। वोटों की गणना, तालमेल और जीत की रणनीति में उनका अहम योगदान रहा। एनडीए उम्मीदवार सीपी. राधाकृष्णन जी को उम्मीद से भी ज्यादा वोट मिले, जिससे यह साफ हो गया कि एनडीए की मजबूत एकजुटता बरकरार है।

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