'कोरोना काल में राजनीति करने के बजाय सहयोग करे राजनीतिक पार्टियां'

महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना (Coronavirus) के केस फिर से बढ़ रहे हैं। इसे लेकर एक बार फिर राज्य सरकार के माथे पर चिंता की लकीर दिखाई दे रही है। सूबे के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने COVID19 की संभावित दूसरी लहर के बीच, राज्य में विपक्ष द्वारा आयोजित की जाने वाली रैली, हड़ताल और सभाओं को लेकर चिंता व्यक्त की। 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा आयोजित एक बैठक में उद्धव ठाकरे ( uddhav thackeray) ने इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया, साथ ही राजनीतिक दलों को विरोध प्रदर्शनों से दूर रहने का निर्देश भी दिया।

इस मीटिंग में पीएम मोदी और उद्धव ठाकरे के अलावा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, गुजरात के सीएम विजय रुपाणी, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, केरल के सीएम पिनारयी विजयन और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं। इस बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया गया था।।

उद्धव ने बिना किसी पार्टी और नेता का नाम लिए, मंदिरों को खोले जाने के लिए और बढ़े हुए लाइट बिलों के विरोध में किए गए राजनीतिक आंदोलन का मुद्दा भी उठाया।

ठाकरे ने राजनीतिक दलों से भी अपील की कि वे कोरोना काल में राजनीति करने के बजाय अपना सहयोग दें।

बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ राजनेता लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और COVID-19 की दूसरी लहर के बीच विरोध प्रदर्शनों का आयोजन कर रहे हैं। उन्होंने PM मोदी से अनुरोध किया कि वे, COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए उन लोगों से संपर्क करें।

ठाकरे ने पीएम को बताया कि, राज्य में दैनिक केसलोड की संख्या घटकर अब 4500 से लेकर 5 हजार तक हो गई है, जबकि सितंबर महीने में इसकी संख्या 24,000 के लगभग थी। उन्होंने पीएम को महाराष्ट्र सरकार के आउटरीच कार्यक्रम "मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी" से भी अवगत कराया और कहा कि इससे संदिग्ध लोगों को ट्रेस करने में मदद मिली है।

उसी बैठक में, ठाकरे ने प्रधान मंत्री को बताया गया कि राज्य ने कोरोनो वायरस वैक्सीन (Coronavirus vaccine) के समय पर वितरण और टीकाकरण कार्यक्रम को सुनिश्चित करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है।

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