महाराष्ट्र में जल्द लागू होगा शक्ति कानून, राष्ट्रपति ने किए हस्ताक्षर

  • मुंबई लाइव टीम
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महाराष्ट्र में शक्ति अधिनियम(Maharashtra shakti act)  को लागू करने का रास्ता साफ हो गया है। महाराष्ट्र सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से दिशा कानून की तर्ज पर विधानमंडल के दोनों सदनों में शक्ति विधेयक पेश किया था। इसके बाद बिल को मंजूरी के लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास भेजा गया। इसके बाद राज्यपाल ने विधेयक पर हस्ताक्षर किए। बाद में आज, विधेयक पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हस्ताक्षर किए।

यह जानकारी राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने विधानसभा में दी । शिवसेना विधायक मनीषा कायंडे ने कहा है कि शक्ति विधेयक कानून बनने के बाद महाराष्ट्र महिलाओं को अधिकतम सुरक्षा प्रदान करने वाला पहला राज्य बन गया है। महाविकास अघाड़ी सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए सदन में यह बिल लेकर आई थी।

कानून महिलाओं को अधिक प्रभावी ढंग से लड़ने में सक्षम बनाने के लिए है। निकट भविष्य में महिलाओं के मुद्दों के लिए एक विशेष अदालत स्थापित करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। मनीषा कायंडे ने महिलाओं की देखभाल के लिए सरकार की तारीफ की है।

महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों पर अंकुश लगाने के लिए महाराष्ट्र में बलात्कार जैसे अपराधों के लिए मौत जैसी कड़ी सजा का प्रावधान करने वाला 'शक्ति' कानून महाराष्ट्र में लागू किया जाएगा। महाविकास अघाड़ी सरकार ने बिजली बिल को मंजूरी मिलने के बाद राज्यपाल को भेजा था।

शक्ति विधेयक को सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी और भाजपा विधायकों ने दिसंबर विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया था। कानून आंध्र प्रदेश दिशा अधिनियम पर आधारित है। कानून को अभी तक राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है। इसलिए, भले ही महाराष्ट्र में 'शक्ति' अधिनियम पारित किया गया था, लेकिन इसे लागू करने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी की प्रतीक्षा करनी पड़ी।

कानून सोशल मीडिया पर महिलाओं की मानहानि और एसिड अटैक जैसे गैर-जमानती अपराधों को गैर-जमानती बना देगा। इसलिए एक महीने के भीतर सभी मामलों का निपटारा करना होगा। इसमें प्रत्येक जिले में अलग जांच एजेंसियां और विशेष अदालतें स्थापित करना शामिल है।

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