महाराष्ट्र सरकार ने 'मोटर वाहन एग्रीगेटर नियम, 2025' की घोषणा

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में ऐप-आधारित यात्री परिवहन सेवाओं (जैसे ओला, उबर, रैपिडो) में अधिक अनुशासन, पारदर्शिता और यात्री सुरक्षा के लिए 'महाराष्ट्र मोटर वाहन एग्रीगेटर नियम, 2025' के मसौदा नियमों की घोषणा की। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने बताया कि ये नियम मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 73, 74 और 93 के तहत प्रस्तावित हैं और 17 अक्टूबर, 2025 तक आपत्तियाँ और सुझाव आमंत्रित किए गए हैं, जिसके बाद ये लागू हो जाएँगे।(Maharashtra Government announces 'Motor Vehicles Aggregator Rules, 2025')

ड्राइवरों के अधिकारों और यात्री सुरक्षा के मामले में महत्वपूर्ण बदलाव

ये नए नियम एग्रीगेटर कंपनियों, ड्राइवरों और यात्रियों के बीच संबंधों को और अधिक पारदर्शी बनाएंगे और किराए, सेवा की गुणवत्ता, ड्राइवरों के अधिकारों और यात्री सुरक्षा के मामले में महत्वपूर्ण बदलाव लाएंगे।

लागू होने वाले नियम

ये नियम ई-रिक्शा सहित सभी यात्री मोटर वाहन एग्रीगेटर्स पर लागू होंगे। यानी ओला-उबर जैसी कैब सेवाओं के साथ-साथ ई-रिक्शा सेवाएँ भी इस ढाँचे के अंतर्गत आएंगी।

साथ ही, बाइक-टैक्सी सेवाओं के लिए एक अलग "महाराष्ट्र बाइक-टैक्सी नियम, 2025" लागू रहेगा और इसके लिए अलग से लाइसेंस लेना होगा।

लाइसेंस शुल्क और सुरक्षा जमा राशि

राज्य परिवहन प्राधिकरण (प्रति ज़िला)

लाइसेंस जारी करने की राशि ₹10,00,000, लाइसेंस नवीनीकरण की राशि ₹25,000

क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (प्रति ज़िला)

लाइसेंस जारी करने की राशि ₹2,00,000, लाइसेंस नवीनीकरण की राशि ₹5,000

इसके अतिरिक्त, एग्रीगेटर को वाहनों की संख्या के अनुसार सुरक्षा जमा राशि भी देनी होगी।

वाहनों की संख्या: 100 बसें या 1000 वाहन - सुरक्षा जमा - ₹10 लाख

वाहनों की संख्या: 100 बसें या 10,000 वाहन - सुरक्षा जमा - ₹25 लाख

वाहनों की संख्या: 1000 से अधिक बसें या 10,000 से अधिक वाहन - सुरक्षा जमा - ₹50 लाख

सर्ज प्राइसिंग:

यदि मांग बढ़ती है, तो ऐप किराया बढ़ा सकता है, लेकिन यह क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा निर्धारित मूल किराए के ढाई गुना से अधिक नहीं होना चाहिए।

यदि मांग कम भी हो, तो किराया मूल दर के 25 प्रतिशत से कम नहीं रखा जा सकता।

सुविधा शुल्क:

यात्री द्वारा लिया जाने वाला सुविधा शुल्क मूल किराए के 5% से अधिक नहीं होना चाहिए, और कुल कटौती मूल किराए के 10% से अधिक नहीं होनी चाहिए।

ड्राइवर और वाहन संबंधी नियम

कार्य समय:

एक ड्राइवर दिन में अधिकतम 12 घंटे ऐप में लॉग इन रह सकता है। उसके बाद, उसे कम से कम 10 घंटे आराम करना होगा।

प्रशिक्षण:

एग्रीगेटर में शामिल होने से पहले ड्राइवरों को 30 घंटे का प्रेरक प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करना होगा।

रेटिंग प्रणाली:

यदि किसी ड्राइवर की औसत रेटिंग पाँच में से दो स्टार से कम है, तो उसे सुधारात्मक प्रशिक्षण से गुजरना होगा और तब तक उसे ऐप से हटा दिया जाएगा।

बीमा:

यात्रियों के लिए 5 लाख रुपये तक का यात्रा बीमा लेने का विकल्प ऐप में अनिवार्य रूप से उपलब्ध होना चाहिए।

वाहन की आयु:

ऑटोरिक्शा और मोटरकैब - पंजीकरण की तारीख से 9 वर्ष से अधिक पुराने नहीं होने चाहिए।

बसें - 8 वर्ष से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए।

ऐप और वेबसाइट संबंधी नियम

ऐप मराठी, हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में उपलब्ध होना चाहिए।

ऐप को इस तरह डिज़ाइन किया जाना चाहिए कि ड्राइवर को सवारी स्वीकार करने से पहले यात्री का गंतव्य न दिखाई दे।

ऐप में यात्री को लाइव लोकेशन साझा करने और यात्रा की स्थिति देखने की सुविधा होनी चाहिए।

दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएँ अनिवार्य होंगी।

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