MSRTC हड़ताल- कोर्ट की अपील के बाद हड़ताल खत्म, लेकिन एक खेमा अभी भी हड़ताल में शामिल

महाराष्ट्र राज्य जूनियर वेज एसटी वर्कर्स यूनियन ( Maharashtra ST bus strike )   के अध्यक्ष अजय कुमार गुजर ने घोषणा की कि वह अपनी हड़ताल वापस ले रहे हैं। लेकिन मुंबई के आजाद मैदान में प्रदर्शन कर रहे कुछ एसटी  कर्मचारियों ने अजय गूजर के फैसले का पुरजोर विरोध किया है।

हड़ताल में शामिल एक खेमे का कहना है की  अजय गुजर हमारा नेतृत्व नहीं कर रहे हैं बल्की  वकील गुणरत्न उनका प्रतिनिध्व कर रहे है।   उन्होंने यह भी कहा कि जब तक एसटी का राज्य सरकार में विलय नहीं होगा, तब तक हड़ताल वापस नहीं ली जाएगी।

गूजर ने सोमवार को मंत्रालय में परिवहन मंत्री अनिल परब के साथ पांच घंटे तक चर्चा की। चर्चा के बाद गूजर ने घोषणा की कि वह हड़ताल से हट रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम संपर्क कर्मियों से आजाद मैदान से जाने की अपील करेंगे। 

गूजर ने आगे कहा कि आत्महत्या करने वाले एसटी कर्मचारियों को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को नौकरी मिलनी चाहिए। कोरोना काल में 306 श्रमिकों की मौत हुई। उन्हें सरकार के निर्णय के अनुसार 50 लाख रुपये दिए जाने चाहिए। अब तक 10 लोगों को यह मदद दी जा चुकी है, शेष श्रमिकों के परिवारों को जल्द ही राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

अजय गुजर ने घोषणा की " एसटी कर्मचारियों की सबसे बड़ी मांग विलय के संदर्भ में है। भले ही कोर्ट हमारे खिलाफ फैसला करे, हम सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेंगे। 22 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से एसटी कर्मचारी काम शुरू कर दें। हमने एसटी हड़ताल का नोटिस दिया था। इसलिए, हमारा संगठन हड़ताल वापस ले रहा है",।

मंत्री एड. परब ने विश्वास जताया है की विलय का मामला न्यायालय में लंबित रहने के कारण संघ द्वारा की गई अन्य मांगों पर सकारात्मक चर्चा से मार्ग प्रशस्त होगा।  परिवहन मंत्री एवं एसटी निगम के अध्यक्ष अधिवक्ता अनिल परब पिछले माह से चल रही हड़ताल को समाप्त करने के लिए एसटी कर्मचारियों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं, विलय की मांग को लेकर एसटी कार्यकर्ता हड़ताल पर चले गए।

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