करोड़ों खर्च कर हुई कल्वर्ट की सफाई, फिर भी रेल यात्रियों पर शामत आई

मुंबई (Mumbai) में बुधवार को हुई भारी बारिश ने BMC के साथ-साथ रेलवे की तैयारियों की भी पोल खोल कर रख दी। मध्य रेलवे (central railway) की तरफ से करोड़ो खर्च करके कल्वर्ट की सफाई की गई थी, बावजूद इसके पटरियों पर पानी भर (water logging) गया और रेल सेवा प्रभावित हुई।

मुंबई के जाने माने RTI एक्टिविस्ट अनिल गलगली (anil galgali) ने आरोप लगाया कि, पिछले 12 साल में रेलवे की 116 की कल्वर्ट पर 30 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए गए हैं और सफाई न होने से 30 करोड़ रुपये बह गए हैं। इसके बाद भी कल्वर्ट की सफाई नहीं होने से कुर्ला (kurla) और सायन (soon) में बारिश का पानी जमा हुआ और मुंबई उपनगरीय रेलवे सेवा प्रभावित हुई। 

गलगली की माने तो, मुंबई रेलवे के अंतर्गत आने वाले कल्वर्ट जिसकी हर साल रेलवे प्रशासन द्वारा सफाई की जाती है और मनपा हर साल 3 से 4 करोड़ रुपये का भुगतान करती है। पिछले 12 साल में रेलवे को 30 करोड़ रुपये मिले हैं, लेकिन आज तक रेलवे की ओर से कोई ऑडिट नहीं हुआ और न ही महानगरपालिका (bmc) द्वारा किए गए खर्च का हिसाब मांगा गया। मुंबई रेलवे में 116 कल्वर्ट में 53 मध्य रेलवे, 41 पश्चिम रेलवे और 22 हार्बर रेलवे के अंतर्गत हैं। वर्ष 2009-2010 से 2017-18 तक के 9 सालों में मुंबई मनपा ने रेलवे प्रशासन को 23 करोड़ रुपये दिए थे। वर्ष 2018-19 में 5.67 करोड़ मनपा ने ख़र्च किए। कुल मिलाकर, पिछले 12 वर्षों में 30 करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया गया है। मुंबई महानगरपालिका ने इस साल सीएसएमटी से मुलुंड तक सभी रेलवे नालों की सफाई महज 15 दिनों में पूरा करने का दावा किया है।

गलगली के मुताबिक, हर साल मानसून से पहले मनपा रेलवे को भुगतान करता है, लेकिन नाले की सफाई का कोई ऑडिट नहीं होता है। कुर्ला और सायन के बीच पिछले हर वर्ष रेल सेवाएं ठप हैं। अगर 31 मई तक नाले की सफाई कर सर्वे कराया गया तो ऐसी स्थिति नहीं बनेगी।

अनिल गलगली ने कहा कि दोनों एजेंसियां समान रूप से जिम्मेदार हैं। जनता को दोनों एजेंसियों द्वारा किए गए खर्च के बारे में सूचित किया जाना आवश्यक है, चाहे वह रेलवे हो या मुंबई महानगरपालिका। इसलिए यह जानकारी सार्वजनिक की जाए।

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