मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस वे को और भी सुरक्षित बनाने के लिए लगेंगे नए उपकरण

महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) जो मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस वे ( MUMBAI NAGPUR EXPRESS WAY)  का निर्माण कर रहा है ने राज्य परिवहन विभाग और राजमार्ग गश्ती पुलिस को इंटरसेप्टर वाहन देने का फैसला किया है ताकी एक्सप्रेसवे पर यात्रा को और भी सुरक्षित किया जा सके।  मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस वे पर  जो फिलहाल अभी सिर्फ शिर्डी से नागपुर के लिए खुला है , एक महिने के भीतर 40 दुर्घटनाएं हुई है जिसमे सात लोगों की मौत और 35 से अधिक लोग घायल हुए है।  

नागपुर से शिर्डी तक 520 किमी एक्सप्रेसवे के चरण 1 का उद्घाटन 11 दिसंबर को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।  सरकार की ओर से इस एक्प्रेस वे पर स्पीड गन और दस इंटरसेप्टर वाहन लगाए जाएंगे।  इसके साथ ही परिवहन विभाग की ओर से ओवरस्पीडिंग, बिना सीटबेल्ट के ड्राइविंग करने और वाहन चलाते समय सेलफोन पर बात करने के लिए लोगों पर मामला दर्ज किया जाएगा।  

इसके साथ ही  टोल नाके पर ऐसी जगहों की तलाश की जा रही है है जहां ओवरस्पीडिंग करने वाले ड्राइवरों की काउंसलिंग की जा सके।  परामर्श केंद्र 15 जनवरी तक शुरू हो जाएंगे।  पुराने टायर वाले वाहनों की तलाश भी की जाएगी और संभावित टायर फटने से बचने के लिए यादृच्छिक आधार पर उन्हें नीचे उतारेंगे।

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