लोकल चली, कोरोना के केस बढ़े, आम यात्रियों को अभी फुल टाइम यात्रा करने की मंजूरी नहीं

आम लोगों द्वारा लोकल ट्रेन (local train) में पूरे समय के लिए यात्रा करने को मांग को झटका लगा है। मुंबई (mumbai) में एक बार फिर कोरोना (Covid19) के केस बढ़ने के बाद BMC ने यात्रियों की इस मांग को ठुकरा दिया है।

लोकल ट्रेन में आम लोगों के लिए 1 फरवरी के दिन शुरू किया गया था, करीब 10-11 दिन हो गए। लेकिन इन 10 दिनों में कोरोना के करीब 200 से अधिक नए मरीज सामने आए। जिससे एक बार फिर प्रशासन की चिंता बढ़ गई है।

बता दें कि, मुंबई में लोगों की रोजीरोटी को देखते हुए कोरोना काल के दौरान ही सरकार द्वारा अनलॉक (unlock) शुरू किया गया था, जिसके तहत कई क्षेत्रों में ढील दी गई। साथ ही कुछ शर्तों के साथ आम लोगों को भी लोकल से यात्रा करने की छूट दी गई।

लेकिन 1 फरवरी से लेकर 10 तारीख तक की समीक्षा करने से पता चला है कि, कोरोना मरीजों की दैनिक संख्या में 200 से लेकर 225 तक की वृद्धि हुुई है।

चूंकि आम जनता को पीक ऑवर (peak hour) में यात्रा करने की छूट अभी नहीं है, बावजूद इसके पहले की अपेक्षा वर्तमान में लोकल यात्रियों की संख्या बढ़ी है। लोकल में भीड़ बढ़ने से कोरोना प्रोटोकॉल (corona protocol) का उल्लंघन हुआ, जिससे कोरोना संक्रमण को बढ़ने का मौका मिला। हालांकि शुरू में कोरोना के केस नहीं बढ़ने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली थी, लेकिन एक बार जबकि कोरोना ने गति पकड़ी है तो प्रशासन की चिंता बढ़ गई है।

इसके पहले कोरोना के नियंत्रण में आने के साथ, मुंबई की झुग्गी इलाकों में कंटेन्मेंट जोन (contenment zone) की संख्या घटकर 147 हो गई थी। जबकि दो महीने पहले, इसकी संख्या 400 के आसपास थी। यहां तक की सील की गई इमारतों की भी संख्या अब घट रही है।

करीब दो माह पहले दो से साढ़े तीन हजार भवन सील किए गए थे। लेकिन अब यह संख्या 1856 है।

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