सोमवार, 4 अक्टूबर को, बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने बॉम्बे हाईकोर्ट ( BOMBAY HIGH COURT) को बताया कि उसे शहर में COVID-19 महामारी की तीसरी लहर( coronavrus third wave) की आशंका नहीं है क्योंकि टीकाकरण अभियान ( vaccination) सुचारू रूप से चल रहा है।
यह बयान तब आया जब नागरिक निकाय ने खुलासा किया कि 42 लाख से अधिक लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है और 82 लाख से अधिक लोगों ने अपनी पहली खुराक प्राप्त की है। बीएमसी के वकील अनिल सखारे ने हाई कोर्ट को बताया कि अब तक 2,586 बिस्तर पर पड़े लोगों को कोरोना वायरस के टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी है, जबकि 3,942 ऐसे लोगों को पहली बार डोज मिला है।
सखारे ने पीटीआई के हवाले से कहा, "काम जारी है। यह सुचारू रूप से चल रहा है। अब, टीकों की भी कमी नहीं है। मुंबई सुरक्षित है। हमें COVID-19 की तीसरी लहर नहीं आ रही है।"
यह टिप्पणी तब की गई जब मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ इस साल की शुरुआत में अधिवक्ता धृति कपाड़िया और कुणाल तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र और महाराष्ट्र दोनों सरकारों को घर-घर शुरू करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
याचिका में कहा गया है कि ऐसे लोग टीकाकरण केंद्रों में जाकर टीकाकरण कराने के लिए अपने घरों से बाहर निकलने की स्थिति में नहीं होंगे।केंद्र सरकार ने पहले कहा था कि वह घर-घर टीकाकरण कार्यक्रम शुरू नहीं कर पाएगी, लेकिन पिछले महीने इसे अभियान को शुरु कर दिया गया था।
हालांकि, महाराष्ट्र सरकार ने अगस्त में कहा था कि वह इस अभियान को शुरू करेगी और पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बिस्तर पर पड़े लोगों का घर-घर टीकाकरण शुरू कर दिया है। कपाड़िया ने सोमवार को हाईकोर्ट को बताया कि जनहित याचिका दायर करने का उद्देश्य पूरा हो गया था क्योंकि अब केंद्र ने भी ऐसे लोगों को उनके घरों में टीका लगाने की नीति बनाई है।
यह भी पढे़- दोनों खुराक लेने वालों को भी ऑनलाइन मिलता है यूनिवर्सल पास, 'यह है' प्रक्रिया