रोटरी क्लब, समर्थ भारत प्लेटफॉर्म और एटोस इंडिया की संयुक्त पहल में विधवाओं, परित्यक्त महिलाओं, ट्रांसजेंडर और महिला कचरा बीनने वालों को मुफ़्त ई-रिक्शा प्रदान किए गए हैं। "समर्थ रिक्शा - एक आदर्श रिक्शा" के नारे के तहत शुरू की गई इस पहल से ठाणे में महिला सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक मजबूत सामाजिक संदेश जाने की उम्मीद है। करीना आड़े ने महाराष्ट्र की पहली ट्रांसजेंडर महिला रिक्शा चालक बनकर इतिहास रच दिया है।
15 महिलाओं को दी गई ई रिक्शा
पर्यावरण संरक्षण के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के युग में, महाराष्ट्र में रिक्शा सेगमेंट में अभी तक इलेक्ट्रिक मॉडल की ओर कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं देखा गया था। समर्थ भारत प्लेटफॉर्म, रोटरी क्लब ऑफ लेक सिटी और एटोस इंडिया के प्रयासों से, हाशिए पर रहने वाली 15 महिलाओं जिनमे विधवाओं, परित्यक्त महिलाओं, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों और महिला शामिले है उन्हे मुफ़्त ई-रिक्शा प्रदान किए जा रहे हैं।
मुफ्त प्रशिक्षण, ड्राइविंग लाइसेंस, बैज और अपनी आजीविका शुरू करने के लिए पूर्ण सहायता
इस पहल के हिस्से के रूप में, पाँच महिलाओं को उनके ई-रिक्शा मिले। वाहनों के अलावा, उन्हें मुफ्त प्रशिक्षण, ड्राइविंग लाइसेंस, बैज और अपनी आजीविका शुरू करने के लिए पूर्ण सहायता दी जा रही है - जो समाज के इन आर्थिक रूप से कमजोर और अक्सर उपेक्षित वर्गों के लिए सशक्तिकरण के साधन के रूप में काम कर रहा है।
रिक्शा वितरण समारोह नौपाड़ा के रोटरी सेंटर में आयोजित किया गया, जिसमें जिला न्यायाधीश सोनल शाह, यातायात उपायुक्त पंकज शिरसाट, रोटरी जिला गवर्नर दिनेश मेहता, सहायक मानस सिंह खाड़े, टीएमसी शिक्षा उपायुक्त सचिन सांगले, क्लब के अध्यक्ष जगदीश चेलारमानी, समर्थ भारत प्लेटफॉर्म के निदेशक उल्हास करले, निखिल सुले, सेवानिवृत्त आरटीओ अधिकारी कमलेश चव्हाण, प्रसाद तेंदुलकर, अनिरुद्ध वैरागकर, प्रफुल रुईवाले और अनुराधा रोडे की गरिमामयी उपस्थिति थी।
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