एक ऑस्ट्रेलियाई विज्ञापन से देश में विवाद शूरू हो गया है। इस विज्ञापन में हिंदुओ के आराध्य देव भगवान गणेश जी को मांस खाते दिखाया गया है, जिसके कारण हिंदु समूह में खासी नाराजगी है। इस विज्ञापन को 'मीट एंड लिवस्टॉक ऑस्ट्रेलिया' की मार्केटिंग कंपनी ने बनाया है।
इस विज्ञापन में विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेता और देवता एक साथ खाने की टेबल पर बैठे हैं और भेड़ के बच्चे का मांस खा रहे हैं साथ में शराब भी पी रहे हैं। जाहिर सी बात है यह हिंदुओं के धार्मिक भावना के खिलाफ है। हिंदुओं में गणेश जी को भगवान का दर्जा है और उनकी पूजा की जाती है। विज्ञापन में दिखाए गए लोगों में रॉन हबर्ड, ओबी वान केनोबा, स्टार वार्स, ज़ीउस, लॉर्ड बुद्ध, एफ़्रोडिट, मूसा, यीशु मसीह और गणेश जी भी शामिल हैं। हालांकि विज्ञापन में भगवान गणेश को कहीं भी कुछ खाते या पीते नहीं दिखाया गया है।
ऑस्ट्रेलिया सहित पुरे विश्व के हिंदू समुदाय ने इस विज्ञापन पर रोष जताया है। इस विज्ञापन को निर्माताओं को संवेदनशीलता की कमी और बारबेक्यू में भगवान को दिखाने के लिए हिंदुओं समूह के भावना के खिलाफ माना जा रहा है।
जबकि विज्ञापन बनाने वालों का मानना है कि लैम्ब (मेमने का मांस) को सभी लोग सालों से पसंद करते आ रेह हैं, इससे सभी धर्मों के लोग (भगवान) एक साथ आ सकते हैं. इस विज्ञापन का टैग लाइन है ‘द मीट मोर पीपल कैन ऑल ईट’।
विडीयो वायरल होने के बाद से सोशल मीडिया पर लोग अपना विरोध व्यक्त कर रहे है। हिंदू समुदाय इस विज्ञापन पर प्रतिबंध चाहता है।
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