कांग्रेस के अनुभवी नेता पतंगराव कदम का 74 वर्ष की आयु में लंबे बीमारी से निधन हो गया । पतंगराव कदम के रूप में न ही सिर्फ कांग्रेस ने बल्कि महाराष्ट्र ने एक विशाल व्यक्तित्व वाले, राजनीतिक, शैक्षिक और सामाजिक व्यक्तित्व को खो दिया है।
पढ़ाई के लिए हर दिन 4-5 किमी चलते थे पैदल
पतंगराव कदम का जन्म महाराष्ट्र 8 जनवरी 1944 में सांगली जिले के एक छोटे से गांव में एक मध्यम स्तर के खेती के परिवार में हुआ था। चूंकि आसपास में कोई शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी, इसलिए पतंगराव को प्राथमिक विद्यालय में जाने के लिए हर दिन 4-5 किमी चलना पड़ा। उन्होंने कुंडल के एक बोर्डिंग स्कूल से एसएससी की पढ़ाई पूरी की
लगातार चार जीत का रिकॉर्ड
पतंगराव कदम 1985 से 2014 तक विधायक रहे। उनके पास लगातार चार जीत का रिकॉर्ड है। पश्चिमी महाराष्ट्र के 'सार्वजनिक नेता' के रूप में भी उन्हें सम्मानित किया गया था। पतंगराव कदम के जाने से राज्य में कांग्रेस ने एक वफादार सिपाही खो दिया है।
राज्य में कई अहम मंत्रालयों की संभाली जिम्मेदारी
पतंगराव कदम ने राजनीतिक क्षेत्र में 40 से अधिक वर्षों तक काम किया। उन्हें महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल में 20 से अधिक वर्षों के लिए कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसमें राजस्व, उद्योग, सहकारी समितियों, जंगल, पुनर्वास और सहायता, शिक्षा शामिल है। उनका नाम अक्सर मुख्यमंत्री की दौड़ में नामित किया जाता था।