गोरेगांव के आरे कॉलोनी में मेट्रो-3 के लिए बनने वाले कारशेड के लिए 2700 पेड़ों को काटे जाने के खिलाफ अब मैदान में खुद बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना उतर आई है। शिवसेना भी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ट्री अथॉरिटी के फैसले के खिलाफ विपक्ष में शामिल हो गई है, इससे सरकार के लिए असहज पैदा करने वाली स्थिति बन गयी है। इसके पहले कांग्रेस ने भी कोर्ट ने एक पीआईएल दायर करके पेड़ों को काटने से रोके जाने की मांग की थी।
बुधवार को शिवसेना के नगरसेवक यशवंत जाधव ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक लिखित याचिका दायर कर ट्री अथॉरिटी द्वारा लिए गए फैसले को चुनौती दिया। हलफनामा में आरोप लगाया गया है कि बीएमसी कमिश्नर प्रवीण परदेशी द्वारा वोटिंग के लिए डाले गए आरे प्रस्ताव "धोखे के सिवा कुछ नहीं" था।
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अपनी याचिका में शिवसेना के नगरसेवक ने आगे आरोप लगाया कि ट्री अथॉरिटी की बैठक के दौरान किसी भी आवश्यक प्रावधान का पालन नहीं किया गया। गौरतलब है कि जाधव BMC की स्थायी समिति के प्रमुख हैं और ट्री अथॉरिटी के सदस्य भी हैं।
जाधव ने जानकारी देते हुए कहा कि, ट्री अथॉरिटी के सदस्य बैठक को स्थगित करना चाहते थे क्योंकि, इस बैठक को शोर्ट नोटिस देकर आयोजित की गई थी साथ ही सदस्यों को बोलने की अनुमति भी नहीं दी गयी थी।
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इससे पहले शनिवार को, दो विशेषज्ञ सदस्यों ने ट्री अथॉरिटी से यह कह कर इस्तीफा दे दिया था कि, उन्हें मतदान में धोखा दिया गया था। विशेषज्ञों ने बताया कि वे पेड़ों को काटने के पक्ष में नहीं थे। इसी तरह, शिवसेना के सदस्यों ने भी यह आरोप लगाया कि वे बैठक में देरी से पहुंचे थे।
जाधव ने कहा कि शिवसेना कारशेड के खिलाफ नहीं है, लेकिन जिसे मुंबई शहर का फेफड़ा कहा जाता है उस आरे को नष्ट करने की अनुमति नहीं दे सकती है।
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