अंबरनाथ शिव मंदिर एक हजार साल पहले की प्राचीन सभ्यता का प्रमाण है। यह मंदिर अपनी हेमाडपंथी शैली के लिए जाना जाता है। पत्थरों पर खूबसूरती से नक्काशी की गई है। शिव भक्त बड़ी आस्था के साथ यहां भगवान शंकर का आशीर्वाद लेने आते हैं। श्रावण माह में मंदिर में भीड़ बढ़ जाती है। लेकिन इन्हीं शिव भक्तों को अब मंदिर में पूजा करते समय कुछ प्रतिबंधों का पालन करना होगा।
अंबरनाथ में 21वीं सदी का प्राचीन शिव मंदिर ढहने का खतरा है। वरिष्ठ प्राच्यविद्या डाॅ. कुमुद कानेटकर ने पुरातत्व विभाग का ध्यान इस ओर दिलाया है। इसके बाद विभाग की ओर से तत्काल कदम उठाया गया है।
शिव मंदिर में नारियल फोड़ने पर प्रतिबंध
अंबरनाथ शिव मंदिर की मूर्तियो पर इसका असर हो रहा है। इसके चलते प्राचीन शिव मंदिर में नारियल फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ये आदेश पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने संबंधितों को दिए हैं।
शिलाहार काल की उत्कृष्ट स्थापत्य कला की विरासत अंबरनाथ के शिव मंदिर की मूर्तियां खराब हो रही हैं। साथ ही इस पर बनी कुछ मूर्तियां भी प्रकाश में आई हैं । यह चिंताजनक मामला हाल ही में वरिष्ठ प्राच्यविद्या डॉ. कुमुद कानिटकर के शिव मंदिर दौरे के दौरान सामने आया है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा सर्वेक्षण किया गया
उन्होंने सोशल मीडिया पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। इसके बाद भारतीय पुरातत्व विभाग ने मंदिर क्षेत्र में पहुंचकर इसका निरीक्षण कियाय़ पुरातत्व विभाग के निरीक्षण के बाद मंदिर परिसर में साउंड सिस्टम, मूर्तियों और प्रतिमाओं पर दुग्धाभिषेक, कहीं भी नारियल फोड़ने, मंदिर के अंदर होम हवन, पूजा और अर्चना पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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