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वोट चोरी के आरोपों के बीच अब चुनाव आयोग ने उठाया ये अहम कदम

आयोग ने डाक मतपत्रों की गणना प्रक्रिया को और अधिक सरल और स्पष्ट बनाने का निर्णय लिया है।

वोट चोरी के आरोपों के बीच अब चुनाव आयोग ने उठाया ये अहम कदम
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भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए पिछले छह महीनों में विभिन्न पहलों को लागू किया है। अगले कदम के रूप में, आयोग ने डाक मतपत्रों की गणना प्रक्रिया को और अधिक सरल और स्पष्ट बनाने का निर्णय लिया है।(Decision to start the final phase of EVM VVPAT counting only after completion of postal ballot counting)

EVM के वोटो की गिनती डाक मतपत्रों की गणना से स्वतंत्र रूप से शुरू रह सकती थी

कागज़/इलेक्ट्रॉनिक रूप में डाक मतपत्रों की गणना और ईवीएम के माध्यम से गणना, आयोग की मतगणना प्रक्रिया के दो प्रमुख चरण हैं। डाक मतपत्रों की गणना मतगणना वाले दिन सुबह 8 बजे शुरू होती है, जबकि ईवीएम की गणना सुबह 8.30 बजे से शुरू होती है। पूर्व निर्देशों के अनुसार, ईवीएम की गणना डाक मतपत्रों की गणना से स्वतंत्र रूप से जारी रह सकती थी, जिससे कभी-कभी डाक मतपत्रों की गणना से पहले ईवीएम की गणना पूरी होने की संभावना बन जाती थी।

डाक मतपत्रों की गिनती पूरी होने के बाद ही EVM/VVPAT की गिनती का अंतिम चरण शुरू करने का निर्णय 

हाल ही में दिव्यांग मतदाताओं और 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को घर पर मतदान की सुविधा प्रदान किए जाने के कारण डाक मतपत्रों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसलिए, पूरी प्रक्रिया में एकरूपता और स्पष्टता बनाए रखने के लिए, आयोग ने डाक मतपत्रों की गिनती पूरी होने के बाद ही ईवीएम/वीवीपैट की गिनती का अंतिम चरण शुरू करने का निर्णय लिया है।

पर्याप्त संख्या में टेबल और मतगणना कर्मचारी उपलब्ध कराने के निर्देश

इसके अलावा, आयोग ने संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिन निर्वाचन क्षेत्रों में डाक मतपत्रों की संख्या अधिक है, वहाँ पर्याप्त संख्या में टेबल और मतगणना कर्मचारी उपलब्ध कराएँ, ताकि मतगणना की गति और पारदर्शिता बनी रहे।

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