राज्य में दूध और डेयरी उत्पादों की उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए एक राज्य-स्तरीय अध्ययन समिति का गठन किया गया है। इस संबंध में सरकारी निर्णय विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है। इस समिति का उद्देश्य राज्य में कम दूध उत्पादन वाले क्षेत्रों में दूध उत्पादन बढ़ाने के दीर्घकालिक समाधान सुझाना है। डेयरी विकास मंत्री अतुल सावे ने कहा कि समिति सहकारी और निजी दुग्ध संघों से प्राप्त सुझावों पर समाधान सुझाएगी।(Maharashtra Formation of Study Committee for Dairy Development)
अध्ययन समिति के अध्यक्ष पशुपालन आयुक्त
डेयरी विकास मंत्री अतुल सावे ने कहा कि अध्ययन समिति के अध्यक्ष पशुपालन आयुक्त हैं और डेयरी विकास आयुक्त सदस्य सचिव हैं। समिति राज्य में डेयरी की स्थिति की समीक्षा करेगी। समिति के कार्यों में "विकसित महाराष्ट्र 2047" के उद्देश्यों पर विचार किया जाएगा। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर डेयरी एवं पशुपालन विभाग को अग्रणी बनाने के लिए, समिति विभिन्न राज्यों की योजनाओं का अध्ययन करेगी और राज्य में सर्वश्रेष्ठ योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु मार्गदर्शन प्रदान करेगी।
डेयरी क्षेत्र में महिलाओं को रोजगार के अवसर
यह अध्ययन समिति आवश्यकतानुसार पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र के विशेषज्ञों, डेयरी उद्योगों के प्रतिनिधियों और प्रगतिशील दुग्ध उत्पादक किसानों को आमंत्रित करेगी। मंत्री अतुल सावे ने बताया कि समिति के मार्गदर्शन में पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र में महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ स्व-सहायता कृषक उत्पादक समूहों के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने आदि की भी योजना बनाई जाएगी।
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