एलफिंस्टन हादसे में बुझ गया घर का इकलौता चिराग

मयुरेश हलदणकर (18) उन अभागों में शामिल है जो एलफिंस्टन हादसे का शिकार हो गये। अपने माता पिता का इकलौता बेटा मयुरेश गणपति उत्सव में मूर्तियों को रंगने का काम करता था। वर्ली के बीडीडी चाल में रहने वाले मयुरेश की खबर से स्थानीय रहिवासी सन्न हो गये हैं तो वहीँ उनके घर में मातम का माहौल है।

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मयुरेश के मित्र ललित सालुंखे का कहना है कि इस घटना में मैंने अपने मित्र खो दिया। मयूर कॉलेज में वह पढने के साथ जॉब भी करता था। शुक्रवार को जब वह जॉब पर जा रहा था तभी यह भयानक घटना घट गयी। घर में मयुरेश अकेला कमाने वाला था, गरीब घर से ताल्लुक रखने वाले मयुरेश के घर में उनके मां-बाप के अलावा एक बहन है।  

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अब मयुरेश के मां-बाप की आखों में आंसू किसी बर्फ की तरह जम गए हैं, उनको विश्वास ही नहीं हो रहा है कि कल तक घर में जिसके आने से एक ख़ुशी की लहर दौड़ जाया करती थी अब वह कभी नहीं आएगा। इस स्थिति का जिम्मेदार कौन है? मयुरेश जैसे 22 लोगों का हत्यारा कौन है? यह बात मयुरेश के घरवालों की तरह उनको भी कभी पता नहीं चल पायेगा जिन घरों के लोग इस हादसे का शिकार हुए हैं। यही नहीं बड़ी बात इस हादसे का जिम्मेदार व्यक्ति को शायद ही सजा मिले।

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