पायल तडवी मामले के बाद नायर अस्पताल ने उठाया यह कदम, ऐसा करने वाला मुंबई का बना पहला अस्पताल

डॉक्टरों की शिकयतों को सुनने के लिए नायर अस्पताल काउंसलर की नियुक्ति करेगा,  ऐसा करने वाला नायर अस्पताल मुंबई का पहला अस्पताल होगा। डॉक्टर पायल तडवी आत्महत्या मामले के बाद अस्पताल की तरफ से यह कदम उठाया गया है। आपको बता दें कि डॉ. पायल तडवी आत्महत्या  मामले को एक महीने से ज्यादा का समय हो चुका है। इस मामले ने रैगिंग जैसे संवेदनशील मुद्दे पर प्रकाश डाला है। यही नहीं इस मामले में नायर अस्पताल के अधिकारियों से भी पूछताछ की गयी थी लेकिन वे भी इस मामले में हस्तक्षेप करने में विफल रहे।

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'एक दुसरे को न कहें सर और मैंम'

इस मामले में घटना के तुरंत बाद एक रैगिंग विरोधी समिति का गठन किया था। इसके अलावा नायर अस्पताल के सभी रेजिडेंट डॉक्टरों की एक बैठक आयोजित की गयी थी, इस बैठक में डीन डॉ. रमेश भारमल ने कहा कि हालिया घटना के कारण अस्पताल का माहौल तनावपूर्ण हो गया है। इसलिए मनोरोग विभाग के डीन और अन्य डॉक्टरों ने अस्पताल में एक दोस्ताना माहौल देने के लिए एक कार्यशाला आयोजित की। उन्होंने आगे कहा कि जैसा कि जूनियर और वरिष्ठ डॉक्टर सहकर्मी हैं, उन्हें एक-दूसरे को मैम और सर नहीं कहना चाहिए।

'सीनियर करें जूनियर की मदद'

उन्होंने तीसरे वर्ष के रेजिडेंट डॉक्टरों से भी कहा कि काम के दबाव के बावजूद उन्हें हमेशा अपने जूनियर डॉक्टरों को की मदद करने के लिए जाना चाहिए, क्योंकि मरीजों के साथ-साथ रेजिडेंट डॉक्टरों की भी सहायता करना उनका कर्तव्य है। उन्होंने आगे कहा कि नायर अस्पताल जल्द ही डॉक्टर की शिकायत को हल करने के लिए एक काउंसलर की नियुक्ति करेगा और रैगिंग के किसी भी मामले की सूचना पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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आपको बता दें कि अगर नायर अस्पताल काउंसलर की नियुक्ति करता है तो वह मुंबई में डॉक्टरों के लिए ऐसा करने वाला पहला अस्पताल होगा।

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