मुंबई पुलिस ने अदालत को बताया की डॉक्टर पायल ताडवी की हत्या के कोई भी सबूत नहीं मिले है। 26 साल की पायल तडवी ने कथित तौर पर अपने वरिष्ठों द्वारा परेशान किए जाने के बाद पिछले हफ्ते अपने छात्रावास के कमरे में फांसी लगा ली थी। यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपियों ने उस पर जातिवादी टिप्पणी की। जिससे परेशान होकर पायल ने आत्महत्या कर ली।
अदालत ने शुक्रवार को तीनों आरोपियों की पुलिस रिमांड बढ़ाने से इनकार कर दिया। तीनों आरोपियों को कोर्ट ने 10 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। हांलाकि अपराध शाखा की ओर से पुलिस हिरासत बढ़ाने की अपील की गई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। शुक्रवार को सामने आई पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में उनके गले पर चोट के निशान भी पाए गए थे जिसके बाद पायल के पति ने इसे हत्या का मामला बताया था और मांग की थी कि इसकी फिर से हत्या के सिरे से जांच की जाए।
हालांकी पुलिस ने कोर्ट को बताया की पायल की हत्या करने के कोई भी सबूत फिलहाल नहीं मिले है। आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून, रैगिंग रोधी कानून, सूचना प्रौद्योगिकी कानून और भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिये उकसाने) के तहत मामला दर्ज किया गया है।