महाकाव्य भगवद गीता (bhagavad gita) को गुजरात में शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए 6 वीं से 12 वीं के पाठ्यक्रम में अनिवार्य कर दिया गया है। गुजरात सरकार ने कहा है कि भारतीय संस्कृति और ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने के साथ-साथ छात्रों में भगवद गीता के मूल्यों और सिद्धांतों के प्रति प्रेम पैदा करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। हालांकी अब इस मुद्दे को लेकर मुंबई में भी सियासी घमासान शुरु हो गया है।
बीजेपी नगरसेविका योगिता कोली ने दिया था प्रस्ताव
मुंबई मे स्कूलों में भगवद गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग को लेकर बीजेपी नगरसेविका योगिता कोली ने प्रस्ताव दिया था। हालांकि बीजेपी ने शिवसेना पर इस प्रस्ताव के सुझाव को जानबूझकर नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है । भाजपा ने स्टैंड लिया है कि अब नगर पालिका पर प्रशासकों की नियुक्ति कर दी गई है, इसलिए यह प्रशासकों पर निर्भर है कि वे स्कूल में भगवद गीता के पाठ के संबंध में संकल्प नोटिस पर निर्णय लें।
भाजपा नगरसेविका योगिता कोली ने आरोप लगाया है कि मुंबई नगर निगम का कार्यकाल समाप्त होने से पहले 370 अन्य प्रस्ताव पेश किए गए थे, लेकिन भगवद गीता के पाठ की मांग वाले भाजपा के प्रस्ताव को जानबूझकर छोड़ दिया गया था।
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