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अमिताभ बच्चन सहित कुल 7 लोगों द्वारा कराए गए अवैध निर्माण को मनपा ने किया नियमित

गौरतलब है कि, गोरेगांव पूर्व में 7 बंगले हैं। पी दक्षिण मनपा कार्यालय ने अमिताभ बच्चन, राजकुमार हिरानी, ओबेरॉय रियालिटी, पंकज बलानी, हरेश खंडेलवाल, संजय व्यास और हरेश जगतानी कुल 7 लोगों को मंजूर प्लान में फेरबदल किया था।

अमिताभ बच्चन सहित कुल 7 लोगों द्वारा कराए गए अवैध निर्माण को मनपा ने किया नियमित
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जहां एक तरफ अभिनेत्री कंगना रनौत (kangana ranaut) के ऑफिस के एक हिस्से को अवैध बताते हुए BMC उसे तोड़ कर पहले से ही विवादों में घिरी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ़ बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन (amitabh bachchan) के अलावा और 6 रसूखदारों के अवैध निर्माण को BMC द्वारा मंजूरी दे दी गई। इस कार्य से BMC का दोहरा चरित्र सामने आता है।

शहर के जाने माने RTI एक्टिविस्ट अनिल गलगली (anil galgali) को भेजे हुए पत्र में पी/दक्षिण मनपा वॉर्ड कार्यालय के पद निर्देशित अधिकारी और सहायक अभियंता ने स्पष्ट किया हैं कि अमिताभ बच्चन (amitabh bachchan) और अन्य 6 लोगों के द्वारा कराए गए अवैध निर्माण को एमआरटीपी 53(1) कानून के तहत नोटीस जारी की गयी थी। उसके बाद निर्माण के मालिक /निवासी/विकासक की ओर से आर्किटेक्ट शशांक कोकील एंड एसोसिएट्स ने 5 जनवरी 2017 को मंजूर प्लान में फेरबदल करते हुए जो काम नहीं था उसे भी मंजूर करा लिया। इस संशोधित प्लान को मंजुरी के लिए कार्यकारी अभियंता, इमारत प्रस्ताव ( पश्चिम उपनगर ), पी विभाग के समक्ष पेश किया था उसके बाद कार्यकारी अभियंता, इमारत प्रस्ताव ( पश्चिम उपनगर ), पी विभाग की ओर से अवैध निर्माण को नियमित किया गया।

गौरतलब है कि, गोरेगांव पूर्व में 7 बंगले हैं। पी दक्षिण मनपा कार्यालय ने अमिताभ बच्चन, राजकुमार हिरानी, ओबेरॉय रियालिटी, पंकज बलानी, हरेश खंडेलवाल, संजय व्यास और हरेश जगतानी कुल 7 लोगों को मंजूर प्लान में फेरबदल किया था। जिसके बाद BMC की तरफ से इन सभी को 7 दिसंबर 2016 को एमआरटीपी के तहत नोटीस भेजा गया था। एमआरटीपी की नोटीस के बाद आर्किटेक्ट शशांक कोकील ने 5 जनवरी 2017 को नया प्रस्ताव पेश किया, जिसके बाद 17 मार्च 2017 को इमारत व प्रस्ताव विभाग ने इसे भी नामंजुर कर दिया इसको लेकर इमारत व प्रस्ताव विभाग ने 11 अप्रैल 2017 को पी दक्षिण कार्यालय को अधिकृत तौर पर जानकारी देते ही 6 मई 2017 को पी दक्षिण कार्यालय ने अंतिम आदेश जारी करते हुए अवैध निर्माण स्वयं से तोड़ने की हिदायत दी थी।।

अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री और मनपा आयुक्त को पत्र भेजकर ताबडतोब एमआरटीपी कानून के तहत कारवाई करते हुए अवैध निर्माण को तोड़ने की मांग की थी लेकिन इस अवैध निर्माण को नियमित करने के लिए ही मनपा ने एमआरटीपी प्रक्रिया को धीमी करने का आरोप अनिल गलगली ने लगाया हैं। इमारत प्रस्ताव विभाग के कुछ अधिकारियों को अवैध निर्माण को  नियमित करने के प्रयास को सफलता मिलने की टिप्पणी अनिल गलगली ने की हैं। ग़रीबों की झोपडी पर बुलडोजर चलनेवाली  मुंबई महानगरपालिका रसूखदारों के अवैध निर्माण को नियमित करने में स्वयं को धन्य मानती हैं। इसपर अनिल गलगली ने नाराजगी जताई हैं।

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