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वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ डे पर राणा दग्गुबाती ने शेयर किया नेचर लव

2 अप्रैल को रिलीज होने वाली 'हाथी मेरे साथी' फिल्म की शूटिंग दो अलग-अलग देशों, भारत और थाईलैंड में हुई है और निर्माताओं को इसकी शूटिंग पूरी करने में 250 दिन लगे हैं।

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हाल में ही साउथ स्टार राणा दग्गुबाती (Rana Daggubati) ने अपनी आने वाली फिल्म 'हाथी मेरे साथी' (Haathi Mere Saathi) में 30 किलो वजन घटाने के बारे में खुलासा किया था। एरोस इंटरनेशनल प्रोडक्शन (Eros International Productions) की फिल्म को प्रभु सोलोमन ने डायरेक्ट किया है। इस फिल्म में मनुष्य और प्रकृति के बीच खूबसूरत रिश्ता दिखाया गया है।

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इस बहुप्रतीक्षित फिल्म में राणा दग्गुबाती मुख्य भूमिका में नजर आ रहें हैं। वो विष्णु विशाल के साथ तमिल में 'कदान' और तेलगु में 'अरण्या' का प्रमोशन भी कर रहे हैं। वहीं 'हाथी मेरे साथी' में पुलकित सम्राट (Pulkit Samrat) एक अहम् भूमिका में हैं। इन तीनों फिल्मों में श्रिया पिलगांवकर और ज़ोया हुसैन दिलचस्प भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं। 

2 अप्रैल को रिलीज होने वाली, इस फिल्म की शूटिंग दो अलग-अलग देशों, भारत (India) और थाईलैंड में हुई है और निर्माताओं को इसकी शूटिंग पूरी करने में 250 दिन लगे हैं। 'हाथी मेरे साथी' दुनिया भर में पर्यावरण संकट का एक प्रतिबिंब है और राणा वर्षा वनों और वन्यजीवों के लिए मानव जाति से लड़ते हुए दिखाई देंगे। 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस पर राणा ने वन्यजीवों के महत्व और प्रकृति के प्रति अपने प्यार के बारे में बताया।

राणा ने शेयर करते हुए लिखा, यह तथ्य कि दुनिया को वन्यजीवों के बारे में सोचने के लिए वाइल्ड लाइफ डे (Wild Life Day) की जरुरत है यह इस बात का प्रमाण है कि हमें बार-बार वाइल्ड लाइफ (Wild Life) के बारे में सोचने के लिए रिमाइंडर की जरुरत होती है इसी चीज को बदलने की जरुरत है। एक मानव जाति के रूप में, हमें वन्यजीवों के प्रति अधिक सशक्त होने की आवश्यकता है। अगर हम इस दिन खुद को इस बात से अवगत करवाएं कि हमारे चॉइसेस की वजह से वाइल्डलाइफ पर क्या प्रभाव पड़ता है तो शायद यही बाकी दिनों में एक बदलाव की दिशा में पहला कदम होगा।

राणा का मानना है कि यह सचेत चॉइसेस चुनकर और टिकाऊ, पर्यावरण के अनुकूल मटेरियल का चुनाव करके हम लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए अपना योगदान दे सकते हैं। इसके आगे उन्होंने बताया कि कैसे उनकी फिल्म हाथी मेरे साथी वन्य जीवन के लिए संघर्ष करती है, राणा कहते हैं, “हाथी मेरे साथी एक जंगल के आदमी की कहानी है, जिसे एक जंगल और हाथियों का परिवार से विरासत में मिलता है - जिन्हें वह सचमुच में अपने परिवार जैसा मानता है। और जब उस परिवार को धमकी दी जाती है, तो वह अपनी जान जोखिम में डालकर उन्हें बचाने के लिए कुछ भी करेगा। हो सकता है कि हम सभी प्राकृतिक व्यवस्था की रक्षा के लिए इस आदमी के संकल्प से सीख सकते हैं, क्योंकि यह हमसे और हमारे स्वयं के व्यक्तिगत लालच से बड़ा है।

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