मध्य रेलवे (Central railway) ने कल्याण स्थित इलेक्ट्रिक लोको शेड में अपने 50वें लोकोमोटिव (WAP-7/37335) पर कवच(Kavach )प्रणाली लगाकर रेल सुरक्षा बढ़ाने में एक और उपलब्धि हासिल की। इस लोकोमोटिव को मध्य रेलवे के महाप्रबंधक धर्मवीर मीणा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
कई अधिकारी मौजूद
इस अवसर पर मुंबई मंडल के मंडल रेल प्रबंधक हिरेश मीणा, प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर अनूप कुमार अग्रवाल, प्रमुख मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर एम.एस. उप्पल और मध्य रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
सुरक्षा बढ़ाने के लिए डिज़ाइन
कवच एक स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ATP) प्रणाली है जिसे सिग्नल पासिंग एट डेंजर (SPAD), ओवरस्पीडिंग और टकरावों को रोककर रेलवे सुरक्षा बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह रेडियो लिंक के माध्यम से स्टेशन उपकरणों और ऑन-बोर्ड इकाइयों के बीच सिग्नलिंग सूचना और लोकोमोटिव स्थान के वास्तविक समय के आदान-प्रदान के माध्यम से काम करता है।
यह प्रणाली इस डेटा को मूवमेंट अथॉरिटी सीमाओं और गति प्रतिबंधों को लागू करने के लिए संसाधित करती है, जिससे सुरक्षित और अधिक कुशल ट्रेन संचालन सुनिश्चित होता है।
मध्य रेलवे के 730 इंजनों में कवच लगाने की मंजूरी
भारतीय रेलवे बेहतर सुरक्षा और स्वचालन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत कवच को मिशन मोड में लागू कर रहा है। रेलवे बोर्ड ने पहले चरण में मध्य रेलवे के 730 इंजनों में कवच लगाने की मंजूरी दे दी है, जिसके लिए चार निर्माताओं को आवंटन किया गया है: एचबीएल (170), केर्नेक्स (278), क्वाड्रेंट (276), और जीजी ट्रॉनिक्स (6)। मध्य रेलवे के लोको शेडों में फिटिंग का काम प्रगति पर है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी इंजन अंततः इस उन्नत सुरक्षा प्रणाली से सुसज्जित होंगे।
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