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55 वर्षीय महिला के गले में अटकी मुर्गे की हड्डी निकाली गई

फिलहाल महिला खतरे से बाहर है

55 वर्षीय महिला के गले में अटकी मुर्गे की हड्डी निकाली गई
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55 वर्षीय उर्मिला चव्हाण गलती से मुर्गे की हड्डी निगल गई थीं जो उनके फूड पाईप में जाकर अटक गई। यह हड्डी 14 घंटे बाद कुर्ला के कोहिनूर अस्पताल में नॉनइन्वेसिव प्रोसीजर के ज़रिये निकाली गई।  दरअसल  उर्मिला चव्हाण चावल व चिकन कड़ी खा रही थीं जब वह गलती से हड्डी निगल गईं। उन्हें केला खिलाया गया, पर उससे कोई लाभ नहीं हुआ। बाद में रात में उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी और गले में दर्द होने लगा।

 उन्हें तुरंत घाटकोपर के अस्पताल ले जाया गया जहां एक्सरे करवाया गया। पर डॉक्टर की अनुपलब्धता के कारण हड्डी रात में नहीं निकाली जा सकी तथा उन्हें कुर्ला के कोहिनूर अस्पताल में शिफ्ट किया गया और आईसीयू में भर्ती कराया गया। गर्दन व छाती का सीटी स्कैन किया गया यह देखने के लिए कि ग्रासनली वेध तो नहीं है पर गर्दन के सीटी स्कैन से ग्रासनली वेध का प्रमाण नहीं मिला। 

कोहिनूर अस्पताल, कुर्ला के ईएनटी एवं मस्तिष्क एवं गर्दन सर्जर विभाग के प्रमुख डॉ़ संजय हेलाले ने कहा, “यह बहुत ही जटिल प्रक्रिया थी क्योंकि फंसी हड्डी दोनों सिरों पर नुकली थी तथा फूड पाईप के शुरुआती हिस्से में हॉरीजेंटली पड़ी थी। हड्डी फोरसेप्स के साथ एंडोस्कोपिक गाईडेंस के तहत निकाली गई। हटाते समय यह सावधानी बरती गई कि इससे फूड पाईप को नुकसान न हो।“

उन्होंने कहा कि हड्डी हटाने के कारण मामूली जख्म हुए पर यह कुछ ही दिनों में उपचार से ठीक हो जाएंगे। 

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