म्हाडा के कोंकण मंडल ने 'पहले आओ पहले पाओ' के सिद्धांत पर 11 हजार 176 घरों की बिक्री के लिए 2 दिसंबर से एक विशेष अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत इच्छुक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए 29 स्थानों पर स्टॉल लगाए गए हैं। साथ ही रिक्शे से मकान की भी जानकारी दी जा रही है। एक सप्ताह के अंदर ही इस अभियान को अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। (Good response to MHADA special campaign)
5500 से अधिक अभ्यर्थियों ने मकानों के बारे में पूछताछ की है। इनमें से 250 ने अमानत राशि के साथ आवेदन जमा कर दिया है। बोर्ड को उम्मीद है कि कुछ और इच्छुक आवेदक आवेदन करेंगे। इस बीच बुधवार को इस विशेष अभियान का आखिरी दिन होगा। बिना बिके खाली पड़े मकान बोर्ड के लिए बड़ा सिरदर्द बन गए हैं। कोंकण में 14 हजार से ज्यादा घर खाली हैं और इससे बोर्ड को करीब तीन हजार करोड़ का नुकसान उठाना पड़ रहा है। बोर्ड अब इन मकानों की बिक्री की तैयारी कर रहा है।
तदनुसार, 11 हजार 176 मकानों की बिक्री 'प्रथम प्राथमिकता' के आधार पर शुरू की गई। लेकिन चूंकि यह मकान बिक्री सफल नहीं रही तो आखिरकार बोर्ड को मकान बिक्री के लिए सड़क पर उतरना पड़ा। इन मकानों की जानकारी वास्तविक नागरिकों तक पहुंचाने के लिए बोर्ड को आखिरकार इच्छुक ग्राहकों तक पहुंचने और उन्हें अपने मकान बेचने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष अभियान चलाना पड़ा है। तदनुसार, विशेष अभियान 2 दिसंबर से शुरू हो गया है और बुधवार, 11 दिसंबर तक जारी रहेगा।
इस अभियान के तहत 29 स्थानों पर स्टॉल लगाये गये हैं। स्टॉल पर अधिकारी ग्राहकों को मकानों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। घर खरीदने के इच्छुक ग्राहकों को आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से आवेदनों की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
इस अभियान को शुरू हुए एक सप्ताह हो गया है और बोर्ड की मुख्य अधिकारी रेवती गायकर ने बताया कि इस सप्ताह के दौरान अभियान को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. एक हफ्ते में 5500 से ज्यादा लोग घर के बारे में पूछताछ कर चुके हैं। इनमें से 250 लोगों ने जमानत राशि देकर आवेदन किया है।उन्होंने यह भी कहा कि 5500 में से कुछ और के जल्द ही आवेदन करने की संभावना है।उन्होंने यह भी दावा किया कि अभियान को काफी सफलता मिल रही है क्योंकि प्रतिक्रिया अच्छी मिल रही है।
इस बीच इस अभियान को आगे बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। लेकिन खाली मकानों की संख्या को देखते हुए अभियान बढ़ाए जाने की संभावना है।
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