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धोबी घाट देख सकें पर्यटकों के लिए बन रही हैं वीविंग पॉइंट

धोबी घाट में कपड़े धोने का काम बड़े पैमाने पर होता है। एक अनुमान के मुताबिक यहां कपड़े धोने का काम सैकड़ों परिवार के लोग करते हैं। हर दिन यहां हजारों लोगों के कपड़े धोए जाते हैं। कई परिवार वाले तो यह काम पिछले 50 सालो से य़ही पर रह रहे हैं।

धोबी घाट देख सकें पर्यटकों के लिए बन रही हैं वीविंग पॉइंट
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कई फिल्मों में अपनी झलक दिखा चुका मुंबई का मशहूर धोबी घाट को पर्यटक आसानी से देख सके और उसका फोटो और वीडियो बना सकें इसीलिए अब यहां एक दीर्घा यानी वीविंग पॉइंट बनाई जा रही है। इस गैलरी के 5 मार्च तक बन कर तैयार हो जाने की उम्मीद है जिसमें एक साथ 20 पर्यटक खड़े होकर फोटो या वीडियो ले सकते हैं। 

क्या है मामला?
जैसा की आप जानते हैं कि धोबी घाट मुंबई के सबसे मशहूर स्थानों में से एक है। यहां देश के ही नहीं बल्कि विदेश से भी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। यहां काम करने वाले लोगों का कहना था कि जब लोग यहां घूमने आते हैं और उनसे बात करते हैं उनका वीडियो बनाते हैं तो इससे काम करने में दिक्कत आती है, इसीलिए सरकार की तरफ से अब एक ऊंचे स्थान पर वीविंग पॉइंट बनाई जा रही है। जिस पर खड़े होकर पर्यटक आसानी से धोबी घाट की तस्वीर ले सकते हैं।

क्या है धोबी घाट में?
धोबी घाट में कपड़े धोने का काम बड़े पैमाने पर होता है। एक अनुमान के मुताबिक यहां कपड़े धोने का काम सैकड़ों परिवार के लोग करते हैं। हर दिन यहां हजारों लोगों के कपड़े धोए जाते हैं। कई परिवार वाले तो यह काम पिछले 50 सालो से य़ही पर रह रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां कपड़े वाशिंग मशीन से नहीं बल्कि हाथ से धोए जाते हैं। बताया जाता है कि धोबी घाट की सालाना कमाई 100 करोड़ रूपए से अधिक है।

धोबी घाट का इतिहास
इतिहास के मुताबिक अंग्रेजों ने साल 1890 में अपने कपड़े धोने के लिए मुंबई के महालक्ष्मी इलाके में धोबियों को बसाया था तभी से इसका नाम धोबी घाट हो गया। यह इलाका करीब ढाई एकड़ में फैला है। पॉश इलाके में होने के कारण इस जमीन की कीमत सैकड़ों करोड़ रूपए है।

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