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हाईकोर्ट ने कोस्टल रोड परियोजना पर रोक लगाने से किया मना

मच्छीमार समुदाय के लोगों ने इस परियोजना के खिलाफ कोई भी अंतिरम रोक लगाने से इनकार कर दिया।

हाईकोर्ट ने कोस्टल रोड परियोजना पर रोक लगाने से किया मना
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोस्टल रोड के कार्य पर किसी भी तरह की आंतरिक रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकी मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटिल और न्यायमूर्ति एन एम जमदार की पीठ ने मत्स्य विभाग के आयुक्त को दोनों याचिकाकर्ताओं को सुनने का मौका देने का मौखिक आदेश दिया। वर्ली कोलीवाड़ा नखवा और वर्ली माचीमार सर्वोदय सहकारी सोसायटी ने हाईकोर्ट में 29.2 किलोमीटर लंबी सड़क का विरोध करते हुए कोस्टल रोड के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

पीठ ने पुलिस को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि मछुआरों को जाल सहित उपकरण लगाने की अनुमति दी जाए, साथ ही सड़क के लिए चिन्हित क्षेत्र को भी शुरू किया जाए जब तक कि कोस्टल रोड प्रोजेक्ट शुरु नहीं हो पाता। आपको बता दे की कोस्टल रोड प्रोजेक्ट मरिन ड्राइव से कांदिवली को जोड़ेगा।

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और राज्य सरकार के अधिकारियों ने परियोजना की प्लानिंग और उसकी शुरुआत के पहले शहर से मछुआरों के साथ कोई सार्वजनिक सुनवाई या परामर्श नहीं किया था। याचिकाकर्ताओं का दावा है की कोस्टल रोड के कारण उनकी रोजी रोटी छिन जाएगी।

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