Advertisement

'होलिका' के लिए पेड़ों को काटने या तोड़ने पर एक साल सश्रम कारावास


'होलिका' के लिए पेड़ों को काटने या तोड़ने पर एक साल सश्रम कारावास
SHARES

होली के मौके पर अक्सर होलिका जलाने के लिए लोगों द्वारा सड़कों के किनारे के सूखे हुए पेड़ो को या फिर सार्वजानिक परिसर सहित प्राइवेट सम्पत्तियों पर स्थित सूखे हुए पेड़ों को काटते हैं, ऐसे लोगों की अनेक शिकायतें भी मिलती हैं। ऐसे लोगों पर रोक लगाने के लिए बीएमसी के उद्यान विभाग की तरफ से एक जीआर जारी किया गया है और पेड़ों को काटने पर कार्रवाई करने की बात कही गयी है। इस कार्रवाई में लकड़ी तोड़ते या फिर काटते कोई पाया जाता है तो उसे एक साल तक सश्रम कारावास का प्रावधान किया गया है।

 
सश्रम कारावास और जुर्माने का प्रावधान 

महाराष्ट्र (नागरी क्षेत्र) पेड़ों संरक्षण व जतन अधिनियम 1975 की धारा 21 के अनुसार अगर कोई वृक्ष प्राधिकरण की मंजूरी के बिना कोई पेड़ों को काटते या फिर तोड़ते हुए पकड़ा जाता है तो उसे दोषी माना जायेगा। ऐसे लोगों को एक हफ्ते से लेकर एक साल तक के लिए सश्रम कारावास होने के साथ साथ एक हजार रूपये से लेकर 5 हजार रूपये जुर्माने का भी प्रावधान है।

 

अधिकारी रहने सतर्क 


उद्यान अधीक्षक जितेंद्र परदेशी के अनुसार मुंबई में पेड़ों को कटाने या फिर तोड़ने की कोई घटना न हो इसलिए उद्यान विभाग के उपउद्यान अधीक्षक, जूनियर वृक्ष अधिकारी और उद्यान विद्या सहायकों (Horticulture Assistant) को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। यही नहीं अगर कोई नियमों के खिलाफ पेड़ों को काटते या फिर तोड़ते हुए मिलता है तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई करने के भी आदेश दिए गए हैं।

 

लोग मनाए इको फ्रेंडली होली 

होलिका जलाने के लिए पेड़ों को काटा जाता है इससे पेड़ों की संख्या में भारी कमी आती है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। इसे ध्यान में रख कर ही बीएमसी उद्यान विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को 'होली' पर अधिक सतर्कता बरतने की सलाह दी गयी है। परदेशी ने लोगों से आव्हान किया है कि वे इको फ्रेंडली होली मनाएं।  

Read this story in मराठी or English
संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें