राजकीय रेलवे पुलिस ने ट्रेनों में अपराध रोकने के लिए गश्त बढ़ा दी है और नए कदम उठाए हैं। यह कदम शहर में एक सप्ताह में लंबी दूरी की ट्रेनों में हुई दो गंभीर चोरी के बाद उठाया गया है।प्रत्येक लंबी दूरी की ट्रेन में अब दो रेलवे पुलिस अधिकारी होंगे। ये अधिकारी पूरी ट्रेन की निगरानी करेंगे और तब तक यात्रियों की सुरक्षा करेंगे जब तक ट्रेन रेलवे पुलिस आयुक्तालय की सीमा तक नहीं पहुंच जाती। (Long Distance Trains from Mumbai Will Now Have Two Onboard Cops)
लुटेरों के पास चाकू
1 जून को जयपुर-बांद्रा टर्मिनस सुपरफास्ट एक्सप्रेस में जोगेश्वरी के एक परिवार पर हमला किया गया। यह घटना ट्रेन के बोरीवली से गुजरने के बाद हुई। लुटेरों के पास चाकू थे और उन्होंने एक ट्रॉली बैग चुरा लिया। बैग में 7 लाख रुपये नकद और अन्य कीमती सामान था।
5 जून को लोकमान्य तिलक टर्मिनस-नांदेड़ स्पेशल ट्रेन में एक और चोरी हुई। ट्रेन भांडुप और कांजुरमार्ग के बीच चल रही थी। पनवेल की एक डॉक्टर दीपाली देशमुख को निशाना बनाया गया। एक चोर ने उनका पर्स छीनने की कोशिश की और उन्हें दरवाजे की ओर खींच लिया। उनके पति डॉ. योगेश देशमुख ने उनका पीछा किया और मदद करने की कोशिश की। चोर चलती ट्रेन से कूद गया और दोनों को नीचे खींच लिया।
डॉ. योगेश बुरी तरह घायल हो गए और उनका बायां हाथ काटना पड़ा। जीआरपी के आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 में मोबाइल चोरी सहित करीब 12,000 चोरी के मामले दर्ज किए गए। अकेले 2024 में रेलवे क्षेत्रों से 11,143 मोबाइल फोन चोरी हुए। इससे फोन चोरी का मासिक औसत 928 से अधिक हो जाता है। इस साल जनवरी से मई तक 3,576 फोन चोरी हुए, यानी हर महीने औसतन 715 से अधिक।
स्थिति के जवाब में जीआरपी ने ट्रेनों में सुरक्षा बढ़ाने और अपराध कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
दिलचस्प बात यह है कि आरपीएफ में कर्मचारियों की कमी है। वर्तमान में 758 पद खाली हैं। इनमें से 16% कर्मचारी पद हैं और 25% अधिकारी पद हैं। उन्होंने कहा कि इन पदों को भरने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।
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