बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक अहम मामले में सुनवाई करते हुए कहा है की की अगर अगर लड़की की शादी नाबालिग उम्र में हुई हो और बालिग होने के बाद भी वह लड़की शादी के संबंध में बनी रहना चाहती हो तो वह शादी वैध हो जाती है। दरअसल कोर्ट एक मामले की सुनवाई कर रहा था जिसमें एक लड़की ने शिकायत की थी की उसकी उम्र नाबालिग होने के समय की करा दी गई और जिसके बाद लड़की ने अपने पति पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) के प्रावधानों के तहत शिकायत दर्ज कराई थी।
क्या है मामला
अभियोजन पक्ष के अनुसार,
पहली पत्नी की मृत्यु के बाद युवक ने एक दूसरी लड़की से शादी की
,
हालांकी दूसरी लड़की की उम्र शादी के समय 18
साल से कम थी। 2015
में लड़की ने अपने पति पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण
(POCSO)
अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC)
के प्रावधानों के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि,
लड़की,
जो अब 19
साल की है,
ने अपना मन बदल लिया और अपने पति के खिलाफ दायर शिकायत को वापस लेने के लिए सहमत हो गई।
क्या कहा कोर्ट ने
इस विवाद से निपटते हुए, न्यायमूर्ति मोरे की पीठ ने कहा, हमने नाबालिग लड़की के साथ बातचीत की है, जो हमारे सामने मौजूद है। ऐसा लगता है कि उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि मामला इतना गंभीर हो जाएगा। लेकिन अब वह तैयार है और पति के साथ सहवास करने को तैयार है। हम उस लड़की के कल्याण के बारे में चिंतित हैं, जो शादी के समय निर्विवाद रूप से नाबालिग थी। लेकिन अब, वह व्यस्क हो गई है और उसने अपने पति के साथ सहवास करने की इच्छा व्यक्त की है इसलिए विवाह जो अन्यथा शून्य है, वैध हो जाता है"। कोर्ट ने आगे कहा की अगर आपराधिक मामला लंबित रखा जाता है, तो लड़की एकमात्र पीड़ित होगी, क्योंकि वह अब शादीशुदा है और समाज में कोई भी उसे पत्नी के रूप में स्वीकार नहीं करेगा।
यह भी पढ़े- MUHS बोर्ड MBBS पाठ्यक्रम से वर्जिनिटी टेस्ट पाठ्यक्रम को हटाने की सिफारिश की