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आग से खेलती मुंबई , फायर ब्रिगेड के पास स्टाफ की कमी!

साल 2017-18 में कुल 4927 आग की घटनाएं मुंबई में सामने आई

आग से खेलती मुंबई , फायर ब्रिगेड के पास स्टाफ की कमी!
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मुंबई में पिछलें एक साल में आग लगने की कई घटनाएं सामने आई है। पिछलें साल कमला मिल्स में लगी के बाद बीएमसी औऱ फायर ब्रिगेड विभाग ने आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए कई तरह की कोशिशें की , लेकिन मुंबई में आग लगने की घटनाओं में कोी कमी नहीं आ रही है। आग लगने की घटनाओं की संख्या मुंबई में इस कदर बढ़ी है की बीएमसी और फायर ब्रिगेड के साथ साथथ राज्य सरकार को इस मामले में दखल देना पड़ा। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बी सरकार को इस मामले में फटकार लगाते हुए इन मामले में गंभीरता दिखाने का आदेश जारी किया।

ऐसा नहीं है की बीएमसी और फायर ब्रिगेड विभान ने आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए किसी भी तकह का कोई कदम नहीं उठाया , लेकिन मुंबई जैसे बड़े शहर में इतने बड़े पैमाने पर हर इमारत और हर इलाके की जांच करपाना मुश्किल है। जिसके कारण आग की घटनाओं में भी बढ़त्तरी हो रही है।

फायर ब्रिगेड के पास कम कर्मचारी

मुंबई अग्निशमन दल में कर्मचारियों की संख्या कम है जिसके कारण हमे सभी इमारतो की जांच करने में समय लगता है, फिर भी हम जल्द ही इन सभी इमारतो का फायर आडिट चेक करेंगे। फायर विभाग ने आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए कई तरह के आधूननिक उपकरण बी लिए है ताकी भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

90 फिसदी सोसायटियों में फायर इक्विपमेंट सही नहीं
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है की मुंबई में एक आकड़े के अनुसार 90 फिसदी सोसायटियों में फायर इक्विपमेंट सही तरिके से काम नहीं करते है। सोसायटी, बिल्डर और रहनेवाले लोगों की लापरवाही कारण आग की दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही है।

साल 2017- 18 में 4927 आग की घटनाएं

आरटीआई कार्यकर्ता और अधिकार फाउंडेशन के अध्यक्ष शकिल शेख के द्वारा मांगी गई एक जानकारी के अनुसार यह बात सामने आई है की की साल 2017-18 में कुल 4927 आग की घटनाएं सामने आई थी। हालांकी साल 2018 में मई तक कुल 710 आग की घटनाएं दर्ज की गई है। शकिल शेख का कहना है की मुंबई फायर ब्रिगेड ना ही तो अपना काम सही तरिके से करती है और ना ही बीएमसी अपना काम सही तरिके से करता है। मौजूदा समय में फायर ब्रिगेड में कई जगहों पर भर्तियां तक नहीं की गई है। इसके साथ ही आज भी मुंबई के की सड़को पर रास्तों पर ही खाना बनाया जाता है तो की सीधा कानून का उल्लंघन है, लेकिन ना तो इनपर बीएमसी कार्रवाई करती है और ना ही फायर ब्रिगेड इस पर कार्रवाई करता है।

60 से ज्यादा लोगों की मौत

साल 2017-18 और 2018 मई तक मुंबई में लगी आग की घटनाओं में कुल 60 लोगों की मौत हो चुकी है जबकी 239 लोग इस दौरान आग की घटनाओं में घायल हो गए है।

एक दशक में 49,000 घटनाएं
महाराष्ट्र सरकार ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा की मुंबई में पिछलें 10 सालों में 49,000 घटनाएं हुईं जिनमें 609 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।। शहरी विकास राज्य मंत्री रंजीत पाटिल ने विधानसभा को बताया कि 2008 से 2018 के बीच आग से संबंधित 49,391 घटनाएं हुईं। उन्होंने बताया कि बिजली प्रणाली में खामियों की वजह से 33,946 घटनाएं हुईं जबकि गैस के रिसाव की वजह से आग लगने की 14,329 घटनाएं हुईं।
इन आग की घटनाओं में 609 लोगों के साथ साथ सात दमकलकर्मियों की मौत भी हुई है।

110.42 करोड़ की संपत्ति का नुकसान
सरकार ने साथ ही में इस बात की भी जानकारी दी है की पिछलें दस सालों में लगी आग के कारण 110.42 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पिछले 10 साल में झुग्गियों में 3,151 आग लगने की घटनाएं हुई हैं।

गलत वायरिंग के कारण होती है 69 प्रतिशत आग लगने की घटना
शहरी विकास राज्य मंत्री रणजीत पाटिल ने विधानसभा में इस बात की जानकारी दी कि पिछले 10 वर्षों में लगी आग की घटनाओं में से 69 प्रतिशत घटनाए गलत वायरिंग के कारण हुई है। पाटिल ने जवाब दिया कि 2008 और 2018 के बीच 10 वर्षों में, 49,391 आग की सूचना मिली थी इनमें से शॉर्ट सर्किट के कारण 33,000 यानी की 68.72 प्रतिशत आग गलत वायरिंग के कारण लगी थी।

तीन साल में 3000 सोसाइटी को फायर विभाग की ओर से नोटिस
फायर ब्रिगेड़ की ओर से मुंबई में तीन सालों के अंदर 3000 सोसायटियों को नोटिस भेजा गया है। इन सभी सोसाइटी को फायर ब्रिगेड विभाग द्वारा उनके साथ अनुपालन नहीं करने के लिए नोटिस भेजा गया है। महाराष्ट्र अग्नि रोकथाम और जीवन सुरक्षा उपायों अधिनियम, 2006 के अनुसार, हर एक सोसाइटी में एक आवश्यक अग्नि सुरक्षा उपकरण होना चाहिए।जिसके बिना, हाउसिंग सोसाइटी को फायर ब्रिगेड विभाग से आपत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं मिलता है। सोसाइटी की जिम्मेदारी होती है कि इस उपकरणों को लगाने के साथ साथ वो इनकी देखभाल भी करें। 2015-18 के बीच फायर ब्रिगेड विभाग की जानकारी के अनुसार, तीन वर्षों में, 6,142 इमारतों का निरीक्षण किया गया था और इनमें से 3,026 इमारत नियमों के अनुरूप नहीं थे।

कुछ इलाकों में बार बार लगी आग
मुंबई में कुछ इलाके ऐसे भी है जहां पर एक बार ये ज्यादा बार आग लगने की घटनाए दर्ज की गई है। बांद्रा झोपड़पट्टी , कांदिवली का दामू नगर और मालाड के मालवणी में पिछलें एक साल में कई बार आग लगने की घटनाएं सामने आई है।

आरे कॉलनी में आग पर सियासत
दिसंबर के शुरुआती हफ्ते में गोरेगांव के आरे कॉलनी में जंगलों में आग लग गई।दमकल विभाग की कई गाड़ियां आग को बुझाने का प्रयास किया। बताया जा रहा है कि आग करीब 4 किलोमीटर के इलाके में फैल गई थी। हालांकि इस आग में किसी की जान को की नुकसान नहीं हुआ, लेकिन आग पर राजनीति गर्मा गई। कांग्रेस ने इस आग की जांच की मांग।

पिछलें कुछ सालों में मुंबई में आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही है। फायर ब्रिगेड के साथ साथ बीएमसी को भी इस मामले में अपनी जिम्मेदारी तय करनी होगी और आग की बढ़ती घटनाओं पर दोनों ही एजेंसियों को जल्द से जल्द रोकना होगा। इसके साथ ही आम लोगों को भी बीएमसी और फायर ब्रिगेड के द्वारा बनाये गए कानूनों का भी पाल करना होगा ताकी वह आग की घटनाओं को रोक सके , जिससे उन्हे खुद किसी तरह का नुकसान ना हो।


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