बीएमसी मुंबई की सोसायटियों को डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए जारी किए जानेवाले गाइडलाइंस का पालन ना करनेवाले के कारण उनको लीगल नोटिस भेजना शुरु कर दिया है। जिसके कारण कई बार कई मामले न्यायालय में लंबीत पड़े रहते है। जिससे निपटने के लिए बीएमसी ने अब 100 निजी वकिलों को नियुक्त किया है साथ ही जो भी वकिल इस तरह के मामले को पहले निपटाएगा उसे बीएमसी की ओर से अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
मुंबई में सभी सोसायटी और रहिवासी संघो को मानसून के पहले डेंग्यु के लार्वा को रोकने के लिए प्रतिबंधात्म कार्रवाई करने के लिए कहा था, बावजूद इसके अभी भी कई लोगों ने बीएमसी की इस गाइडलाइंस का पालन नहीं किया। बीएमसी की ओर से कई लोगों को बीएमसी के स्वास्थ विभाग के 381(बी) के तहत नोटिस जारी किया गया है। नोटिस मिलने के बाद आनेवाले दो से तीन महिनों में इसकी सुनवाई कोर्ट में होती है।
न्यायालय में आरोग्य विभाग और लाइसेंस विभाग के साथ साथ कई विभाग एक साथ शिकायत दर्ज कराते है। लेकिन इन सब मामलों के लिए सिर्फ एक ही विधी अधिकारी का पद है, जिसपर काफी बार कार्य का बोझ बढ़ जाता है और वह इस कार्य पर ध्यान नहीं दे पाते है। जिसके कारण जिनको नोटिस मिला है उन्हे समय पर सज़ा नहीं मिल पाती।
जिसके कारण बीएमसी के किटक नाशक विभाग के प्रमुख अधिकारी राजन नारिंग्रेकर ने पिछलें साल महापालिका आयुक्त अजोय मेहता को पत्र लिखकर निजी वकिलों की नियुक्ति की मांग की थी। जिसपर बीएमसी ने रजामंदी दे दी है।
कुछ खास आकड़ो पर एक नजर
बीएमसी की कार्रवाई | संख्या |
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अगस्त तक बीएमसी द्वारा जारी किए गए नोटिस | 11237 |
मजिस्ट्रेट के पास मामलें | 637 |
जुर्माना | 22 लाख 6 हजार रुपये |
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