निसर्ग चक्रवात के 3 जून को महाराष्ट्र के पश्चिमी तट पर पहुंचने की उम्मीद है और मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों को सतर्क कर दिया गया है। राज्य का आपदा प्रबंधन, राहत और पुनर्वास विभाग तूफान से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मछुआरों को भी समुद्र के पास न जाने के लिए कहा गया है और जिला कलेक्टर को निर्देश दिया गया है कि वे देखें कि कोई जनहानि ना हो।
गृह मंत्री अमित शाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से चर्चा की और राज्य सरकार द्वारा चक्रवात का सामना करने के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा की। गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की इकाइयां भी नियत समय पर राहत और बचाव कार्यों के लिए आसपास के कुछ राज्यों में तैनात की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को कहा गया है कि वे दवंडी और लाउडस्पीकर के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। इस उद्देश्य के लिए पक्के आशियानों की भी स्थापना की गई है। कोस्ट गार्ड को भी सूचित किया गया है। प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि गिरने वाले पेड़ों, भूस्खलन और भारी बारिश के कारण नुकसान की संभावना का ध्यान रखें। मुंबई महानगर में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों, विशेषकर निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को भी खाली करने का निर्देश दिया गया है।
एनडीआरएफ की 16 इकाइयों में से, चक्रवात राहत और बचाव कार्यों के लिए 10 इकाइयाँ तैनात की गई हैं और एसडीआरएफ की 6 इकाइयाँ आरक्षित की गई हैं।
निसर्ग चक्रवात के 3 जून को महाराष्ट्र के पश्चिमी तट पर पहुंचने की उम्मीद है और मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों को सतर्क कर दिया गया है। राज्य का आपदा प्रबंधन, राहत और पुनर्वास विभाग तूफान से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मछुआरों को भी समुद्र के पास न जाने के लिए कहा गया है और जिला कलेक्टर को निर्देश दिया गया है कि वे देखें कि कोई जनहानि ना हो।
गृह मंत्री अमित शाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से चर्चा की और राज्य सरकार द्वारा चक्रवात का सामना करने के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा की। गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की इकाइयां भी नियत समय पर राहत और बचाव कार्यों के लिए आसपास के कुछ राज्यों में तैनात की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को कहा गया है कि वे दवंडी और लाउडस्पीकर के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। इस उद्देश्य के लिए पक्के आशियानों की भी स्थापना की गई है। कोस्ट गार्ड को भी सूचित किया गया है। प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि गिरने वाले पेड़ों, भूस्खलन और भारी बारिश के कारण नुकसान की संभावना का ध्यान रखें। मुंबई महानगर में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों, विशेषकर निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को भी खाली करने का निर्देश दिया गया है।
एनडीआरएफ की 16 इकाइयों में से, चक्रवात राहत और बचाव कार्यों के लिए 10 इकाइयाँ तैनात की गई हैं और एसडीआरएफ की 6 इकाइयाँ आरक्षित की गई हैं।
बीएमसी ने भी की तैयारियां
बीएमसी ने भी इस तूफान से निपटने के लिए आने स्तर पर तैयारी की है। बीएमसी मेन कंट्रोल रूम और वार्ड कंट्रोल रूम में काम करनेवालों की संख्या बढ़ा दी गई है। बीएमसी ने अपने सभी वार्ड अधिकारियों को आदेश दिया है कि वह ऐसे इलाको की पहचान करें जो खतरनाक हो सकते है और उन इलाकों में रहनेवालो को सुरक्षित स्थानों पर लेकर जाया जाए।