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हिंदमाता फ्लाईओवर के नीचे शिफ्ट किए गए मरीजों में से एक की हुई मौत, BJP नेता ने कहा, 'मरा नहीं मारा गया है।'

जिन मरीजों को शिफ्ट किया गया था, उनमें कुछ कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का इलाज करा रहे थे। अब ख़बर है कि उनमें से एक मरीज की मौत हो गयी है।

हिंदमाता फ्लाईओवर के नीचे शिफ्ट किए गए मरीजों में से एक की हुई मौत, BJP नेता ने कहा, 'मरा नहीं मारा गया है।'
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अभी हाल ही में एक चौकानें वाली रिपोर्ट आई थी कि BMC के अंतर्गत आने वाले KEM और टाटा अस्पताल ने 50 से अधिक ओपीडी मरीजों को 'हिंदमाता फ्लाईओवर' के नीचे एक अस्थायी व्यवस्था के तहत स्थानांतरित कर दिया था, क्योंकि इन अस्पतालों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को प्राथमिकता दी जा रही थी। जिन मरीजों को शिफ्ट किया गया था, उनमें कुछ कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का इलाज करा रहे थे। अब ख़बर है कि उनमें से एक मरीज की मौत हो गयी है।

जिन 50 से अधिक मरीजों को अस्पताल से निकाल कर ब्रिज के नीचे शिफ्ट किया गया उनमें 35 से अधिक महिलाएं भी शामिल थी, जिनमें गर्भवती महिलाएं भी थीं। ये सभी मरीज खुले में शौच करने जे लिए मजबूर थे, क्योंकि इनके लिए शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं की गई  थी। इन मरीजों के साथ उनके परिजन भी खुले आसमान के नीचे रहने के लिए विवश थे।

जब यह खबर कई समाचार पेपरों और न्यूज़ चैनलों ने प्रमुखता दी तो, आनन फानन में सभी मरीजों को वहां से हटा दिया गया और सांताक्रूज के एक फाइव स्टार होटल में शिफ्ट कर दिया गया।

इस बारे में सफाई देते हुए शिवसेना की कॉर्पोरेटर उर्मिला पांचाल ने कहा कि, मरीज से कई बार कहने के बाद भी वह सहयोग नहीं कर रहा था, और वह वहाँ से शिफ्ट भी नहीं हो रहा था। उसके साथ कोई उसका रिश्तेदार या कोई और भी नहीं था। इसलिए बीएमसी के अधिकारियों को इस बारेे सूचित किया गया था। उसके लिए भी जरूरी इंतजाम किए जा रहे थे, हालांकि, दोपहर बाद उनका निधन हो गया। अन्य सभी मरीजों को सुरक्षित रूप से पांच सितारा होटल में स्थानांतरित कर दिया गया। "

इस मामले में अब बीजेपी BMC और सरकार की व्यवस्था को लेकर हमलावर हो गयी है।

बीजेपी विधायक राम कदम ने मुंबई लाइव से बात किया। उन्होंने तो मरीज की मौत का जिम्मेदार सरकार को बताते हुए यहां तक कह दिया कि, वह मरा नहीं है बल्कि उसे मारा गया है। यह सरकार की फेल होती व्यवस्था का नतीजा है।

जबकि इसी मुद्दे पर बीजेपी के एक अन्य नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने भी मुंबई लाइव से बात की और कहा, "सरकार वर्तमान स्थिति को अच्छी तरह से संभालने में सक्षम नहीं है, क्योंकि स्वास्थ्य सेवाओं की अधिकांश सुविधाएं कोरोनो वायरस के रोगियों के लिए ही किए जा रहे हैं जबकि अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा है।

BMC ने पहले कहा गया था कि, इन रोगियों को कोरोना वायरस से संक्रमित न ही इसीलिए इन्हें सुरक्षा कारणों से बाहर किया गया है। 

लेकिन शहर में फैले कोरोना महामारी के बीच इन मरीजो को इस तरह से खुले में शिफ्ट करना BMC अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवा पर सवाल खड़ा करता है। यह तब है जब BMC और राज्य सरकार दिनों जगह शिव सेना ही काबिज है।

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