पर्यटन स्थलों, पार्कों और जलाशयों में पक्षियों को ब्रेड, चावल, फरसाण, शेव, पाव, वेफर्स और पोलिया जैसे हानिकारक खाद्य पदार्थ खिलाना गैरकानूनी है। पक्षियों को उनके पाचन तंत्र के लिए अनुपयुक्त भोजन खिलाने से उनका स्वास्थ्य ख़राब हो सकता है। इसके अलावा, उनकी जान भी ख़तरे में पड़ सकती है। लोकमत ने एक रिपोर्ट में यह कहा है।
पक्षियों को खाना खिलाने पर प्रतिबंध
मुंबई में कई नागरिक समुद्र तटों, खिड़कियों और दीर्घाओं जैसी जगहों पर पक्षियों को खाना खिला रहे हैं। पक्षी प्रेमियों ने चिंता व्यक्त की है कि यह प्रथा पक्षियों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करती है और इसे बंद किया जाना चाहिए।इसी रिपोर्ट के अनुसार, प्रकृति प्रेमी विजय अवसाने ने बताया कि सीगल पर बालों की बोरियां और बालों के गोले फेंकने की प्रथा कुछ साल पहले चौपाटी पर शुरू हुई थी।
हालाँकि, अब पक्षियों को खाना खिलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही, वन रक्षकों की तैनाती के कारण अब ये घटनाएं कम हो गई हैं।इसके अलावा, अलीबाग और एलीफेंटा से गुजरने वाले कुछ यात्री सीगल को खाना खिलाते हैं। सीगल या किसी भी पक्षी को अनुचित भोजन खिलाना गलत है। इसके लिए प्रक्षेपण स्थल पर पोस्टर लगाए जाने चाहिए जिसमें लोगों को पक्षियों को दाना न डालने की चेतावनी दी जाए।
हालाँकि, इसके बावजूद भी कुछ लोग इन नियमों का उल्लंघन करते रहते हैं। हालांकि, ऐसे लोगों को सख्त सजा देने की बजाय 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाना चाहिए। उन्हें दोबारा ऐसा कृत्य न करने की गारंटी लिखित रूप में लेने के बाद रिहा किया जाना चाहिए।
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