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संजय गांधी नेशनल पार्क के सफेद बाघ 'बाजीराव' की मौत

बाजीराव का जन्म 2001 में हुआ था।

संजय गांधी नेशनल पार्क के सफेद बाघ 'बाजीराव' की मौत
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बोरिवली के संजय गाधी नैशनल पार्क में पिछलें कई दिनों से बीमार चल रहे सफेद बाघ 'बाजीराव' की शुक्रवार को मौत हो गई। बाजीराव की उम्र 18 साल थी। बताया जाता है की यह बहुत ही दुर्लभ प्रजाती का बाघ था औऱ सिर्फ भारत में ही पाया जाता है। बाजीराव नैशल पार्क का सबसे बूढ़ा बाघ था। पिछलें 4 साल से बाजीराव हड्डियों के जोड़ और मसल में दर्द की बीमारी से परेशान था। काफी लंबे समय से उसका इलाज चल रहा था। बाजीराव का जन्म 2001 में हुआ था।

2001 में, रेणुका और सिद्धार्थ के एक बाघ के जोड़े ने उसे जन्म दिया था। बाजीराव की मृत्यु के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। बाजीराव संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान का मुख्य आकर्षण था। हालांकी बाघ का पोस्टमार्टम भी किया गाय । बाजीराव ने कुछ महिनों पहले ही चलना बंद कर दिया था। । ऑटोप्सी रिपोर्ट में, यह स्पष्ट है कि बाजीराव का दिल, यकृत, गुर्दे, और अन्य महत्वपूर्ण अंगो ने काम करना बंद कर दिया था।

उसने अपनी मृत्यु से 10 दिन पहले चलने की क्षमता खो दी थी।बाजीराव ने शुक्रवार को 5.30 बजे एसजीएनपी, बोरिवली में अपनी बीमारी के कारण दम तोड़ दिया। बीवीसी के पैथोलॉजी विभाग द्वारा पोस्टमार्टम किए जाने के एक दिन बाद बाजीराव का अंतिम संस्कार किया गया।

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