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Unlock 4.0 : जनहित में सरकार का बड़ा फैसला

राज्य सरकार ने आर्थिक व्यवस्था तथा लोगों की बढ़ती परेशानियों के मद्देनजर ई-पास यात्रा सेवा को रद्द करने का ऐलान तो कर दिया है, लेकिन कंटेंमेंट जोन में जो नियम कोरोना काल में जारी थे, वे अभी जारी रहेंगे।

Unlock 4.0 : जनहित में सरकार का बड़ा फैसला
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लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनहित को सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है। जनता का, जनता द्वारा, जनता के लिए संचालित की जाने वाली व्यवस्था को ही लोकतंत्र कहते हैं और जब जनहितों से जुड़ा कोई मुद्दा सामने आता है तो लोकतांत्रिक व्यवस्था का अनुपालन हो रहा है, यह बात प्रखरता से सामने आती है। कोरोना महामारी (Coronavirus pandemic) के फैलाव को रोकने के मद्देनज़र एक राज्य से दूसरे राज्य की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। राज्य में इस व्यवस्था को ई-पास (e-pass) योजना के तहत अमल में लाया गया था। केंद्र सरकार (central government) ने आदेश का उल्लंघन करने के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार (maharashtra government) को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया  था। केंद्र सरकार की नोटिस के बाद राज्य सरकार ने एक राज्य से दूसरे राज्य की यात्रा की अनुमति दे दी है। राज्य सरकार के अए मार्गदर्शक तत्व के आधार पर मुंबई (Mumbai) तथा एमएमआर (MMR)  क्षेत्र में सरकारी कार्यालय 30 प्रतिशत से शुरु रहेंगे, इसके अलावा राज्य के अन्य क्षेत्रों में सरकारी कार्यालयों में पचास फीसदी कर्मचारी उपस्थित रहेंगे, इसके अलावा होटल एवं लॉज पर लगे ताले खोलने के आदेश भी सरकार की ओर से दिए गए हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि आने वाले दिनों में यात्रा के लिए निजी बसों, मिनी बसों समेत यातायात के अन्य साधनों के परिचालन की अनुमति दे दी जाएगी। 

राज्य सरकार ने भले ही ई-पास सेवा को रद्द कर दिया हो, लेकिन मेट्रो, सिनेमा हॉल को फिलहाल बंद रखना ही उचित समझा है। इतना ही स्कूल, कॉलेज, कोचिंग क्लासेस तथा शैक्षणिक संस्थाओं में लगे ताले फिलहाल नहीं खुलेंगे। स्विमिंग पुल, मनोरंजन केंद्र, नाट्यगृह परमिट जैसी सुविधाओं का लोग उपयोग नहीं कर पाएंगे। मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (international airport) से वर्तमान में हर दिन 200 उड़ानों को उड़ान भरने की अनुमति दी गई है। 1 सितंबर से 100 विमानों ने अपने गंतव्य की ओर उड़ान भरी तो 100 विमान मुंबई हवाई अड्डे पर उतरे। कोरोना (Covid-19) के कहर के बीच अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को लंबे समय तक बंद रखा गया था और जब विमान सेवा शुरु की गई तो सिर्फ 100 विमानों का परिचालन (50 जाने वाले और 50 आने वाले) जारी रखा गया। 

राज्य सरकार ने आर्थिक व्यवस्था तथा लोगों की बढ़ती परेशानियों के मद्देनजर ई-पास यात्रा सेवा को रद्द करने का ऐलान तो कर दिया है, लेकिन कंटेंमेंट जोन में जो नियम कोरोना काल में जारी थे, वे अभी जारी रहेंगे। राज्य सरकार ने अनलॉक-4 के लिए मार्गदर्शक सूचना जारी कर दी है, इसमें राज्य की जनता को बड़ी राहत मिलने वाली है। नया माह शुरु होते ही राज्य की जनता को दूसरे राज्य में जाने की अनुमति दे दी गई है। कोरोना (Coronavirus) कहर के काल में एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से ई-पास सेवा की व्यवस्था की गई थी। ई-पास व्यवस्था ऐसी थी कि अगर किसी को अपने गांव या किसी शहर में जाना बहुत जरूरी हो तो इसकी सूचना जिला प्रशासन को देनी होती थी। जिला प्रशासन कारणों की जांच के बाद जब ई-पास जारी नहीं करता था, तब तक किसी को भी यात्रा की अनुमति नहीं दी जाती थी। 

नई व्यवस्था के बीच स्कूल कॉलेज को अभी बंदी से मुक्ति नहीं मिली है। कंटेनमेंट जोन (Containment zone) में 30 सितंबर तक लॉकडाउन (lockdown) जारी रहेगा। राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए मार्गदर्शक तत्व के अनुसार विभिन्न धार्मिक स्थलों तथा जिम (Gym) को खोले जाने पर अभी अपना फैसला सुरक्षित रखा है।

एक तरफ केंद्र सरकार अब यात्रियों तथा वस्तु, अनाज आंतर्राज्यीय यातायात पर कोरोना महामारी (Cover pandemic) के फैलाव को रोकने के संदर्भ में जो प्रतिबंध लगाया था, उसे हटाने का निर्णय लिया और राज्य सरकार से अपील की थी वह भी इस बारे में सोचे, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने स्थिति को गंभीर बताते हुए सभी प्रतिबंध जारी रखना ही उचित समझा था।

राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख (anil deshmukh) का कहना है कि इस बारे में मंत्रिमंडल की बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। हालांकि 1 सिंतबर से बहुत जरूरी सेवाएं जिन पर प्रतिबंध लगाया गया था, उनको प्रतिबंध की छाया से दूर कर दिया गया है। यातायात सेवा बंद रहने से राज्य तथा देश की आर्थिक व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा है।  

राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की ई पास सेवा को रद्द करने का निर्णय क्यों किया, यह एक विचारणीय मुद्दा है। केंद्र सरकार रेल्वे सेवा के परिचालन की अनुमति नहीं दे रही है, इस वजह से हमें अभी भी रेल यात्रा की सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है। इस तरह की शिकायत राज्य के सत्ताधारी नेता कर रहे थे।

ऐसे में अब जबकि रेल यात्रा पर लगा प्रतिबंध को हटाने के बाद फायदा किए होगा, यह भी समनझना जरूरी है। ई- पास व्यवस्था को रद्द किया गया को ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का कहर और तेजी से बढ़ेंगा, ऐसी संदेह राज्य के गृहमंत्री देशमुख व्यक्त कर रहे हैं। राज्य की एसटी सेवा का परिचालन भी शुरु हो चुका है। एसटी बस से यात्रा करने के लिए किसी भी तरह के पासची आवश्यकता नहीं है। महाराष्ट्र की एसटी बसों का जल छोटे- गांवों कर फैला हुआ है। राज्य में एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए ई-पास की अनिवार्यता की शर्त रखी गई थी. इस मसले पर मध्य रेलवे  व्यवस्थापन मंडल ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया है।

मध्य रेल्वे ने राज्य की सीमा में यात्री यातायात शुरू करने की अनुमति दी है। इस बारे में रेल विभाग की ओर से राज्य सरकार को जानकारी दे दी गई है। मध्य रेल्वे के मुख्य यात्री यातायात व्यवस्थापक डी. वाई. नाईक ने राज्य के मदद तथा पुनर्वास सचिव किशोर राजे निंबालकर तथा परिवहन सचिव अशोक कुमार सिंह को इस बारे में पत्र भी भेजा है। मुंबई में लोकल सेवा (Mumbai local train service) छह माह से बंद है। वर्तमान में केवल अत्यावश्यक सेवा के तहत कर्मचारियों के लिए विशेष लोकल का आवागमन हो रहा है, इस वजह से अन्य क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। लोकल सेवा (local train service) शुरु करने के लिए नालासोपारा (nalasopara) में यात्री रेल ट्रैक पर उतर कर आंदोलन भी किया था। मध्य रेलवे (central railway) ने कुछ दिनों पहले से ही राज्य सरकार की अनुमति मिली तो लोकल सेवा शुरु करने के लिए हम तैयार हैं, ऐसा भी स्पष्ट किया गया है।

मुंबई मेट्रो (mumbai metro) तथा मुंबई की लोकल सेवा के बारे में राज्य सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है, जिससे लोकल यात्रियों में असंतोष व्याप्त है। 

राज्य सरकार की ओर से ई-पास की अनिवार्य रद्द करने के बाद जिस तरह की राजनीति की जा रही है, वह ठीक नहीं है। कोरोना का कहर अभी- भी जारी है, इसलिए राज्य सरकार को केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए जन हित तथा राज्य की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर हर कदम उठना होगा। जनहित के क्षेत्रों में की गई हर मनमानी का खामियाजा राज्य की जनता को सहन न करना पड़े, इस ओर राज्य सरकार को गंभीरता से ध्यान देना होगा। ई-पास रद्द करने तथा अनलॉक-4 के लिए जो मार्गदर्शन किया गया है, उसका अनुपालन करते हुए राज्य सरकार को महाराष्ट्र को कोरोना महामारी के संकट से जल्दी से जल्दी बाहर निकालना होगा, तभी देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पूर्व स्थिति में लौटेगी।

सुधीर जोशी (वरिष्ठ पत्रकार)

(Note: यह लेखक के अपने विचार हैं, इस लेख का मुंबई लाइव से कोई संबंध नहीं है।)

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