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विरार से लेकर भारत U-19 टीम के कप्तान तक , ‘वंडर बाॅय' पृथ्वी शाॅ की संघर्ष कहानी !

पृथ्वी शॉ ने अपने शानदार खेल की बदौलत बहुत ही कम समय में लोगों को अपने क्रिकेट का फैन बना दिया है।

विरार से लेकर भारत U-19 टीम के कप्तान तक , ‘वंडर बाॅय' पृथ्वी शाॅ की संघर्ष कहानी !
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मास्टरब्लास्टर सचिन तेंडुलकर ने नवंबर 1999 में किवियों के खिलाफ नाबाद 186 रन बनाएं । उस समय क्रिकेट में हुए इस इतिहास पर लोगोॆ ने काफी जश्न मनाया था। लेकिन उसी समय मुंबई से सटे ठाणे इलाके के विरार में एक वंडर ब्वॉय का जन्म हुआ। वानखड़े स्टेडियम पर जब सचिन ने  अपने 25 साल लंबे क्रिकेट करियर को अलविदा कहा,  तो उसके कुछ दिन बार इस वंडर ब्वॉय ने 546रनों की शानदार पारी खेली। पृथ्वी शाॅ नाम के इस वंडर ब्वॉय ने रणजी मुकाबले में शतक, दुलीप ट्राॅफी के मुकाबले में शतक और प्रथम श्रेणी के क्रिकेट में अभी तक पांच शतक बना चुका है।

कम उम्र में ही शुरु की प्रेक्टीस

पृथ्वी शॉ ने तीसरे साल से ही अपने पिता के साथ क्रिकेट खेलना शुरु कर दिया था। पृथ्वी के पिता का कपड़ो का कारोबार था । पृथ्वी क्रिकेट खेलना सिख ही रहा था की उसके मां की मौत हो गई। मां के गुजर जाने के बाद पृथ्वी और उसके पिता  के सिर पर दुखों का पहाड़ टूट गया। लाख मुसीबतों का सामना करने के बाद भी पृथ्वी के पिता पंकज शॉ ने अपने बेटे को क्रिकेट पर ध्यान देने को कहा। आठवें साल में पृथ्वी रोज विरार से बांद्रा के (एमअायजी क्लब) में आ कर प्रैक्टिस करता था, वह रोज अपनी क्रिकेट कीट के साथ मुंबई लोकल में 3 घंटे सफर करके प्रैक्टीस के लिए आता था। पृथ्वी की इस तकलीफ का नजारा पिता से देखा नहीं गया इसलिए उन्होने सांताक्रुज इलाके में ही एक घर भाड़े से ले लिया और पृथ्वी का प्रवेश रिजवी स्कूल में करा दिया।

हॅरिस शील्ड के कारनामे ने दिया इंग्लैड में ट्रैनिंग लेने का मौका

सचिन तेंडुलकर और विनोद कांबली ने 1988 में क्रिकेट के एक मैच में पार्टनशिप कर प्रतियोगिता को अपने नाम किया था। उसी हॅरिस शील्ड क्रिकेट स्पर्धा में 14 साल के पृथ्वी शाॅ ने 546 रन बनाए जो किसी भी स्कूल के क्रिकेट इतिहास में सबसे बड़ी पारी है, और इसके ही कारण उसे ग्लुसेस्टरशायर काउंटी क्रिकेट क्लब की ओर से ट्रेनिंग के लिए आमंत्रित किया गया। 2014 मेे उसे क्लिथोर्पस से याॅर्कशायर में काउंटी क्रिकेट खेलने का मौका मिला। इस क्लब की ओर से खेलनेवाले सचिन पहले भारतीय खिलाड़ी थे।

एक ही दिन में तीन पुरस्कार

मुंबई स्कूल स्पोर्टस एसोसिएसन (एमएसएसए ) के हॅरिस शील्ड में एक पारी में सर्वाधिक रन, हॅरिस शील्ड में सर्वोत्तम खिलाड़ी और मुंबई में सर्वोत्तम खिलाड़ी जैसे  तीन पुरस्कार पृथ्वी को एक साथ ही दिये गए। हालांकी इसके बाद पृथ्वी के सामने एक और मुसीबत खड़ी हो गई। उसी दिन अ डिविजन की ओर से परेल स्पोर्टिंग क्रिकेट क्लब में तालिम शील्ड स्पर्धा में खेलते हुए आजाद मैदान पर एक गेंद उसके सर पर आ लगी। हालांकी इससे वो घायल तो नहीं हुए लेकिन उनके सर पर गंभीर चोट आई, जो काफी देर तक रही।

अंडर 16 कप्तान के तौर पर निभाई जिम्मेदारी

मुंबई की अंडर 16 टिम की कप्तानी करते हुए पृथ्वी ने कई कारनामें दिखाएं। पृथ्वी की कप्तानी के अंतर्गत मुंबई अंडर 16 टीम ने कई प्रतियोगिताएं जीती। अपने अच्छे प्रदर्शन के कारण पृथ्वी को इंग्लैड दौरे के लिए भारत अंडर 19 टीम का कप्तान भी बनाया गया।  इंग्लैड में हुए इस मुकाबले में भारत में सीरीज को 5-0 से जीत लिया।

रणजी मुकाबले में भी शतक

1 जनवरी 2017 को रणजी मुकाबले में तामिलनाडू के खिलाफ खेलते हुए पृथ्वी शॉ ने दुसरी पारी में 120 रनों की पारी खेली। जिसके बाद ओडिशा के खिलाफ 105 और आंध्र प्रदेश के खिलाफ 114 रनों की पारी खेली।

दुलीप ट्राॅफी में बजाया डंका

मुंबई की रनमशीन के नाम से मशहुर होनेवाले पृथ्वी शॉ ने दुलीप ट्रॉफी में भी अपना लाजवाब प्रदर्शन जारी रखा। सितंबर 2017 में लखनऊ में हुए एक मुकाबले में डंडिया रेड की ओर से खेलते हुए पृथ्वी ने 154 रनों की पारी खेली। दुलीप मुकाबले में सचिन तेंडुलकर के बाद (17 साल 262 दिन) पृथ्वी शॉ ( 17 साल 320दिन ) ने ये कारनामा कर दिखाया।

छोटी उम्र में बड़ी कंपनियों ने किया करार

पृथ्वी शॉ को छोटी सी ही उम्र में कई बड़ी कंपनियों ने अपने साथ करार में बांध दिया। पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी निलेश कुलकर्णी की खेल क्रिकेट मैनेजमेंट कंपनी ने पृथ्वी के साथ 3 लाख का करार किया। जिसके बाद सुनील गावस्कर की पीएमजी कंपनी ने पृथ्वी से 36 लाख का करार किया था। और अब टायर बनानेवाली कंपनी एमअारएफ कंपनी ने पृथ्वी शॉ से करार किया है।

अंडर-1 9 भारतीय की कमान
पृथ्वी शॉ को 13 जनवरी से न्यूजीलैंड में अंडर -19 विश्व कप के लिए भारतीय टीम के कप्तान का कार्य सौंपा गया है। हालांकि मुंबई में एकमात्र खिलाड़ी इस टीम में है।

सचिन के कदमों पर चलते हुए पृथ्वी पर धीरे धीरे अपनी राह तैयार कर रहे है और वो दिन दूर नही जब पृथ्वी को क्रिकेट के अगल सचिन कहा जाने लगे।

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