डॉक्टर ने कोरोना पीड़ित पुरूष मरीज के साथ की गंदी हरकत, मामला दर्ज

डॉक्टर के खिलाफ आईपीसी की धारा 377, 269 और 270 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

डॉक्टर ने कोरोना पीड़ित पुरूष मरीज के साथ की गंदी हरकत, मामला दर्ज
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कोरोना वायरस को हराने में इस समय डॉक्टरों की भूमिका सबसे अग्रणी है। अभी हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना से संघर्ष कर रहे डॉक्टरों सहित पुलिस कर्मियों, सफाई कर्मियों के सम्मान में पुष्प वर्षा भी कराई थी। लेकिन इन डाक्टरों के भेष में कुछ शैतान भी छुपे हुए हैं। मुंबई के एक फेमस अस्पताल के डॉक्टर पर यौन शोषण का आरोप लगा है। चौकानें वाली बात यह है कि इस 35 वर्षीय डॉक्टर पर यह आरोप एक 45 वर्षीय शख्स ने लगाया है जो कोरोना का इलाज कराने के लिए अस्पताल में एडमिट हुआ था।हा

ऑनलाइन भास्कर में छपी खबर के मुताबिक पीड़ित की शिकायत के बाद डॉक्टर पर केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस को शंका है कि आरोपी डॉक्टर भी कोरोना पॉजिटिव हो सकता है। ऐसे में उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है बल्कि उसे घर में ही क्वारंंटाइन कर दिया गया है।

पीड़ित द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है कि घटना एक मई सुबह की है, जब आरोपी डॉक्टर मरीज को देखने के लिए आया।

शिकायत में आगे कहा गया है कि, डॉक्टर ने पीड़ित व्यक्ति को कुछ इस तरह से छूने लगा कि मरीज असहज होने लगा। इसके बाद डॉक्टर ने मरीज के साथ सेक्सुअली असॉल्ट करने की भी कोशिश की। मरीज ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन वो नहीं माना। 

इसके तुरंत मेरीज ने अलार्म बजाया, जिससे हॉस्पिटल के स्टाफ वहां पहुंच गए और डॉक्टर ने उस मरीज को छोड़ दिया।

 मामला सामने आने के बाद हॉस्पिटल ने भी कार्रवाई करते हुए आरोपी डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया। हॉस्पिटल के मुताबिक, डॉक्टर ने एक दिन पहले ही ज्वाइंन किया था। डॉक्टर ने नवी मुंबई के एक कॉलेज से एमडी की पढ़ाई पूरी की है। इसके बाद 28-29 अप्रैल को हॉस्पिटल में इंटरव्यू हुआ था। 30 अप्रैल को इस डॉक्टर की ज्वाइनिंग हुई। जबकि यौन शोषण की यह घटना 1 मई सुबह 9:30 बजे की है।

डॉक्टर के खिलाफ आईपीसी की धारा 377, 269 और 270 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

बता दें कि अभी हाल ही में इस हॉस्पिटल के 80 से अधिक स्टाफ में कोरोना पॉजिटिव के लक्षण पाए गए थे। इसके बाद हॉस्पिटल को कुछ दिनों के लिए सील कर दिया गया था। पिछले महीने 23 अप्रैल को इसे दोबारा खोला गया।

हॉस्पिटल में युवा डॉक्टरों को काम पर इसलिए रखा जा रहा है। क्योंकि हॉस्पिटल ने अपनी पॉलिसी बदली है। अब 55 या 60 साल से ज्यादा उम्र के डॉक्टरों को ड्यूटी पर नहीं लगाया जा रहा है।

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