5 साल में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में खतरनाक उछाल

पहले ठाणे ग्रामीण पुलिस और पालघर पुलिस के अधिकार क्षेत्र में थे, उन क्षेत्रों को मिलाकर एक साल पहले यानी अक्टूबर 2020 में कमिश्नरेट का गठन किया गया था। सदानंद दाते को इसका पहला आयुक्त नियुक्त किया गया था।

5 साल में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में खतरनाक उछाल
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सोमवार, 24 जनवरी को मीरा-भायंदर वसई विरार (MBVV) पुलिस आयुक्तालय द्वारा प्रकट किए गए पांच साल के आंकड़ों के अनुसार, हर साल महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों की संख्या में खतरनाक वृद्धि हुई है।

पूर्व-महामारी वर्ष की तुलना में एमबीवीवी में कुल अपराध 2019 में 1,523 मामलों से 2021 में बढ़कर 2,993 हो गए।

आंकड़ों के अनुसार, 2017 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले 1,194 से बढ़कर 2019 में 1,541 हो गए और 2021 में 1,775 हो गए। बलात्कार के मामले 2017 में 176 मामलों से बढ़कर 2019 में 220 मामले 2021 में 292 मामले हो गए हैं।

पोक्सो अधिनियम के तहत दर्ज बाल बलात्कार और छेड़छाड़ के मामले 2017 में 160 से बढ़कर 2019 में 191 से 2021 में 272 हो गए। 2017 में छेड़छाड़ के मामले 257 से बढ़कर 2019 में 363 हो गए और 2021 में 414 मामले हो गए।

इसके अलावा, यह भी सामने आया है कि बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किए गए 364 आरोपियों में से केवल तीन अजनबी थे जबकि शेष मामलों में 361 आरोपी परिचित, परिवार के सदस्य, दोस्त या पड़ोसी थे।

आंकड़ों से यह भी पता चला कि अपहरण के मामले 2021 में बढ़कर 502 हो गए, जो 2019 में 468 थे।उन लोगों के लिए, जो पहले ठाणे ग्रामीण पुलिस और पालघर पुलिस के अधिकार क्षेत्र में थे, उन क्षेत्रों को मिलाकर एक साल पहले यानी अक्टूबर 2020 में कमिश्नरेट का गठन किया गया था।  सदानंद दाते को इसका पहला आयुक्त नियुक्त किया गया था।

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