रेलवे ने फर्जी पास बनाने वाली गैंग का किया पर्दाफाश

एंटॉप हिल (Antop Hill) का रहने वाला अनीस राठौर (Anis Rathaur) पिछले कई दिनों से रेलवे से फर्जी क्यूआर कोड पास निकाल रहा था।

रेलवे ने फर्जी पास बनाने वाली गैंग का किया पर्दाफाश
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कोरोना (Coronavirus) और लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़कर किसी को भी लोकल ट्रेन (Mumbai Local) से यात्रा करने की अनुमति नहीं है। इस बीच, रेलवे पुलिस (Railway Police) ने उस गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी क्यूआर कोड के जरिए नागरिकों को पास दे रहा था। आरोपी की पहचान अनीश राठौर के रूप में की गई है और रेलवे पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

एंटॉप हिल (Antop Hill) का रहने वाला अनीस राठौर (Anis Rathaur) पिछले कई दिनों से रेलवे से फर्जी क्यूआर कोड पास निकाल रहा था। इस पास को बनाने के बदले में, वह लगभग 500 रुपए से लेकर 1000 रुपए तक लोगों से ऐंठता था। इस बीच, वडाला रेलवे पुलिस ने एक झूठा क्यूआर कोड पारित करने के संदेह में दो यात्रियों को देखा। उस समय, पुलिस ने पाया कि पास नकली था। इसके अनुसार, पुलिस ने दोनों यात्रियों के खिलाफ मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। जांच में अनिल का नाम सामने आने के बाद रेलवे पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की। वडाला पुलिस अनीस राठौर के पास पहुंची और उसके घर पर छापा मारा। उसके साथ घरेलू सामग्री भी जब्त की गई। राठौर ने जिन लोगों के लिए क्यूआर कोड पास बनाया, वे सभी छोटे और बड़े दुकान कर्मचारी थे।

कोरोना के संक्रमण के मद्देनजर, सरकार ने आवश्यक सेवा कर्मियों को लोकल में यात्रा करने की अनुमति दी है। हालाँकि, महाराष्ट्र सरकार ने क्यूआर कोड प्रणाली शुरू की ताकि किसी को भी आवश्यक सेवाओं में काम करने के अलावा यात्रा न करनी पड़े। उन्हें एक क्यूआर कोड पास भी दिया गया है। इसी का फायदा उठाकर चोरों ने फर्जी क्यूआर कोड बनाकर पास की कालाबाजारी शुरू कर दी। यह पता चला है कि अनीस राठौर ने अब तक 400 से 500 फर्जी क्यूआर कोड बनाए हैं और लोगों को दिए हैं

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