मंगलवार, 15 फरवरी को, पांच लोगों को कथित तौर पर COVID-19 निजेडिन रिपोर्ट विदेश से उड़ान भरने वालों को बेचने के लिए पकड़ा गया। दरअसल वे सभी कोरोना पॉजिटिव थे। बताया गया है कि आरोपी एक्यू-एमडीएक्स प्रयोगशालाओं के कर्मचारी हैं।
घाटकोपर में प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए उनके रक्त के नमूने एकत्र करने के बाद रिपोर्ट के प्रिंटआउट यात्रियों को सौंपने की उनकी जिम्मेदारी है। एक्यू-एमडीएक्स लैब को हवाईअड्डा प्राधिकरण द्वारा उन यात्रियों पर आरटी-पीसीआर परीक्षण करने का ठेका दिया गया है, जिन्हे दक्षिण अफ्रीका और खाड़ी देशों में जाना है। लैब को फरवरी 2021 में ठेका दिया गया था, पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि लैब की चार शाखाएं हैं जिनमें मुंबई, दिल्ली, जोधपुर और कोटा शामिल हैं।
सहार पुलिस अधिकारियों ने पांच आरोपियों की पहचान रूपेश चौधरी, सनी सिंह, पवन मल्लाह, शुभम माने और राहुल गुरव के रूप में की है। इन व्यक्तियों को कथित तौर पर 1,975 के शुल्क के लिए यात्रियों के नमूने प्राप्त करने की जिम्मेदारी दी गई थी और इसे एक वाहक के माध्यम से घाटकोपर की प्रयोगशाला में भेजा गया था।पुलिस ने यह भी बताया की इस घोटाले में दो और लोग शामिल हैं।
9 फरवरी को पुलिस अधिकारियों को हवाई अड्डे पर एक घोटाले की जानकारी मिली, जिसमें पोजिटिव कोरोनावायरस रोगियों को 5,000- 10,000 रुपये लेकर निगेटिव रिपोर्ट दी जा रही थी। गुप्त सूचना के बाद, संदिग्धों ने नजर रखी है और उन्हें नकली नकारात्मक आरटी-पीसीआर परीक्षणों के साथ पकड़ा।
16 फरवरी को आरोपियो को अदालत में पेश किया गया, लेकिन उन्हें चार दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
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