हैदराबाद एनकाउंटर: बॉलीवुड सहित सोशल मीडिया पर लोगों की मिली जुली प्रतिक्रियाएं


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कुछ दिन पहले हैदराबाद में चार लोगों ने जानवरों की एक महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप किया और उसके बाद उसे जला दिया। इस घटना क्वे बाद देश भर में गुस्से और नाराजगी का माहौल था। हर जगह उन चारों आरोपियों को भी जिंदा जलाने की मांग उठ रही थी। पुलिस प्रशासन सहित लोग कानून व्यवस्था और सरकार पर भी सवाल उठा रहे थे। लेकिन 6 दिसंबर को अचानक खबर आई कि हैदराबाद पुलिस ने उन चारों आरोपियों को पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया गया है। अचानक आई इस खबर ने लोगों को चौंका दिया। 

इस एनकाउंटर के बाद लोग फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम सहित वाट्सऐप पर धड़ाधड़ लोग अपनी राय, विचार पोस्ट कर रहे हैं। अगर इन पोस्ट पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि लोग मिलीजुली प्रतिक्रिया दे रहे हैं।सोशल मीडिया लोगों की राय से बंटा गया है।

जहां एक तरफ इस एनकाउंटर को पीड़िता के घर वाले सहित देश के कुछ विधायक, सांसद, पत्रकार और बुद्धजीवी वर्ग सही बता रहे हैं तो वहीँ दूसरी कुछ ऐसे भी कानून के जानकार और विधायक, सांसद, पत्रकार और बुद्धजीवी वर्ग हैं जो मानवाधिकार के आधार पर पुलिस और एनकाउंटर पर सवाल भी उठा रहे हैं।

एक तरफ लोग दिल्ली में हुए निर्भया के साथ निर्मम रेप और मर्डर केस का हवाला देते हुए इस तात्कालिक पुलिसिया न्याय को सही बता रहे हैं तो दूसरी तरफ ऐसे भी लोग हैं जिनका यह मानना है कि इस एनकाउंटर से पुलिस की नाकामी सामने आई है, पुलिस का काम अपराधियों को पकड़ना है।अपराध रोकना है. मुजरिमों को सजा दिलाना कोर्ट का काम है...न कि पुलिस का।

इस पुलिस एनकाउंटर के बाद 'निर्भया' की मां आशा देवी ने कहा "पुलिस ने शानदार काम किया है मैं काफी खुश हूं इस सजा से ,पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए" उन्होंने कहा कि मैं अपने बेटी के अपराधियों के फांसी के लिए पिछले 7 वर्ष से दर-दर भटक रही हूं, और अब  इस देश और सरकार की न्याय प्रणाली से अपील करती हूं कि निर्भया के दोषियों को भी जल्द से जल्द मौत की सजा दी जाए।

इसके पक्ष में बैडमिन्टन खिलाडी साइना नेहवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, काफी अच्छा काम है हैदराबाद पुलिस आपको मेरा सलाम..

अभिनेता ऋषि कपूर ने लिखा है, बहादुर तेलंगाना पुलिस, बधाई 

कंगना रानौत की बहन रंगोली ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है..वाह, पुलिस फ़ोर्स को मेरा सलाम वाकई में सरकार का क्रांतिकारी कदम...

अनुपम खेर ने भी तवीत करते हुए लिखा, एनकाउंटर..चलो जितने भी लोगों ने ऐसे अपराधियों के खिलाफ आवाज उठाई थी, मेरे साथ बोलो जय हो..

अभिनेता डीनो मोरिया ने भी अंग्रेजी में एक ट्वीट किया है जिसका मतलब है देर आये दुरुस्त आए...

कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने इस एनकाउंटर के खिलाफ ट्विट किया और लिखा कि, 'न्यायिक व्यवस्था से परे इस तरह के एनकाउंटर स्वीकार नहीं किए जा सकते।' एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, 'हमें और जानने की जरूरत है। यदि क्रिमिनल्स के पास हथियार थे तो पुलिस ने अपनी कार्रवाई को सही ठहरा सकती है। जब तक पूरी सच्चाई सामने न आए तब तक हमें निंदा नहीं करनी चाहिए। लेकिन कानून से चलने वाले समाज में इस तरह का गैर-न्यायिक हत्याओं को सही नहीं ठहराया जा सकता।'

तो वही वामपंथी दल सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि गैर-न्यायिक हत्याएं महिलाओं के प्रति हमारी चिंता का जवाब नहीं हो सकतीं। उन्होंने कहा कि बदला कभी न्याय नहीं हो सकता। इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप कांड के बाद लागू हुए कड़े कानून को हम सही से लागू क्यों नहीं कर पा रहे है।

बीजेपी की सांसद मेनका गांधी ने भी इस एनकाउंटर को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, 'जो भी हुआ है, वह इस देश के लिए बहुत भयानक हुआ है। आप लोगों को इसलिए नहीं मार सकते क्योंकि आप ऐसा चाहते हैं। आप कानून अपने हाथ में नहीं ले सकते। उन्हें किसी भी तरह से कानून के जरिए ही सजा दी जानी चाहिए थी।'

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एनकाउंटर को लेकर लोग खुशी जाहिर कर रहे हैं। हालांकि यह भी चिंता का विषय है कि किस तरह से लोगों का क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम से भरोसा उठ गया है। निर्भया केस पर उन्होंने कहा कि मुझे दुख है कि उन्हें 7 साल हो गए हैं। हमने एक दिन में ही दया याचिका को खारिज कर दिया था। अब मैं राष्ट्रपति जी से अपील करता हूं कि वह भी जल्दी ही इस पर फैसला लें और दोषियों को फांसी के फंदे पर पहुंचाया जा सके।

इसी पर टिप्पणी करते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि एक जिम्मेदार व्यक्ति के तौर पर मैं कहूंगा कि इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'मैं तथ्य नहीं जानता कि आखिर हैदराबाद में क्या हुआ। लेकिन एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर मैं कहूंगा कि इसकी पूरी जांच होनी चाहिए ताकि यह पता चल सके कि आरोपी भागने की कोशिश कर रहे थे या कुछ और मामला था।'

mim के मुखिया और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हर मुठभेड़ की जांच की जानी चाहिए।

इस मामले को लेकर देश भर में गुस्सा नाराजगी और उबाल था। कई लोगों का यह भी मानना है कि जसी तरह से देश भर में खुशियाँ मनाई जा रही हैं वह भी ठीक नहीं है। यह सब चीजें कानून से परे हैं। वैसे एक बात यह भी है कि इस एनकाउंटर को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिये हैं।

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