मालेगांव ब्लास्ट केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल पुरोहित की जमानत याचिका पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी को नोटिस भेजकर उनसे चार हफ्तों में जवाब मांगा है। कर्नल पुरोहित ने साध्वी प्रज्ञा की जमानत को आधार बनाते हुए मालेगांव ब्लास्ट केस में जमानत की मांग की है। इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुरोहित की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।
कर्नल पुरोहित ने याचिका में समानता के आधार पर जमानत मांगी है, जिसमें कर्नल पुरोहित ने कहा है कि वो आठ साल से जेल में बंद हैं, इस मामले में हाईकोर्ट ने सही फैसला नहीं दिया है। हाईकोर्ट ने इसी आधार पर साध्वी प्रज्ञा को जमानत दे दी लेकिन उनको जमानत देने से इनकार कर दिया, इसलिए उन्हें भी समानता के आधार पर जमानत दी जाए। याचिका में ये भी कहा है कि हाईकोर्ट ने सेना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की रिपोर्ट पर गौर नहीं किया जिसमें कहा गया है कि वो सेना के लिए इंटेलीजेंस का काम करते थे। इसके पहले जांच एजेंसी एनआईए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को अपनी जांच में क्लीन चिट दे चुकी है, एनआईए का दावा है कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ मुकदमा चलाने लायक सबूत नहीं है।
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