शेयर खरीद-बेचकर अच्छा मुनाफा कमाने का झांसा देकर हाईकोर्ट के 52 वर्षीय वकील से डेढ़ करोड़ रुपए की साइबर ठगी की गई। साइबर पुलिस ने इस संबंध में सूचना प्रौद्योगिकी रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। बैंक ट्रांजेक्शन की मदद से आरोपियों का पता लगाया जा रहा है। शिकायतकर्ता खार का रहने वाला है और उसे 13 जुलाई 2024 को शेयर खरीद-बेचकर अच्छा मुनाफा कमाने का लालच दिया गया। (Mumbai HC Lawyer defrauded of INR 1.5 crore)
उसे सिक्योरिटी के नाम से बनाए गए एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया। पुलिस शिकायत के अनुसार, वकील द्वारा दिए गए लिंक पर क्लिक करने के बाद उसे वीआईपी व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया। इसमें निवेश की सलाह दी गई। वकील ने शुरुआत में छोटी रकम निवेश की और देखा कि उसे फायदा हो रहा है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि शिकायतकर्ता का भरोसा जीतने के बाद जालसाजों ने उसे बीवीई नाम का ऐप इंस्टॉल करने के लिए मजबूर किया। इसके बाद वकील ने उस ऐप के जरिए शेयर बाजार में निवेश करना शुरू कर दिया। ग्राहक सेवा सहायक उन्हें निवेश में मदद कर रहा था और निवेश के लिए अलग-अलग बैंक खातों में पैसे जमा करने के लिए मार्गदर्शन कर रहा था।
धीरे-धीरे वकील ने 1 करोड़ 58 लाख रुपये का निवेश किया। ऐप में उन्हें 4 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ। इसके बाद उन्होंने पैसे निकालने की कोशिश की, लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाए। जब उन्होंने सेवा कार्यकारी से संपर्क किया, तो उसने कहा कि टैक्स चुकाने के बाद राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी। टैक्स चुकाने के बाद भी वकील राशि नहीं निकाल सके। जिसके बाद उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप से हटा दिया गया।
आखिरकार शिकायतकर्ता वकील को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। वह तुरंत पुलिस के पास पहुंचा। इस संबंध में, पश्चिमी क्षेत्रीय साइबर पुलिस ने हाल ही में सूचना प्रौद्योगिकी निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है और ठगी करने वाले साइबर गिरोह के सदस्यों की तलाश की जा रही है।
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