'फ्री कश्मीर' प्लेकार्ड वाली महिला महक मिर्ज़ा प्रभु को मिली राहत, पुलिस के आरोप सही नहीं पाए गए

कोलाबा पुलिस की तरफ से इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, महक मिर्जा प्रभु के खिलाफ लगाए गए आरोप सही नहीं पाए गए हैं।

'फ्री कश्मीर' प्लेकार्ड वाली महिला महक मिर्ज़ा प्रभु को मिली राहत, पुलिस के आरोप सही नहीं पाए गए
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महक मिर्ज़ा प्रभु (mahak mirza prabhu) याद है आपको, अगर नहीं तो हम बता देते हैं। महक मिर्ज़ा प्रभु वही लड़की है जिसनें पिछले साल मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया (gateway of india) पर NRC और CAA के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के दौरान 'फ्री कश्मीर' का एक प्लेकार्ड लेकर खड़ी हो गई थी। महक की यह फोटी वायरल हो गई थी, जिसके बाद महक प्रभु पर 7 जनवरी 2020 को आईपीसी की धारा 153 बी के तहत मामला दर्ज किया गया था। धारा 153A व 153B के तहत किसी भी जाति, समुदाय आदि के विरुद्ध किसी भी प्रकार से बोलना, लिखना आदि कानूनी अपराध है। इसके लिए 5 वर्ष तक की सजा है।

हालांकि बाद में महक ने अपनी सफाइ में कहा था कि, उसे फ्री कश्मीर का मतलब नहीं जानती थी, उसने तो बस ऐसे ही प्लेकार्ड उठा लिया था।

अब महक की बात इसलिए की जा रही है, क्योंकि महक पर जो आरोप लगे थे, वे सही नहीं पाए गए हैं। कोलाबा पुलिस ने अब लगभग एक साल बाद एस्प्लेनेड अदालत के समक्ष 'सी समरी' रिपोर्ट (C summary report) पेश की है, जिसमें कहा गया है कि महक के खिलाफ लगाए गए आरोप सही नहीं हैं।

बता दें कि, पुलिस द्वारा 'सी समरी' रिपोर्ट तब दर्ज की जाती है, जब व्यक्ति पर गलती से मामला दर्ज किया जाता है, या फिर उसके खिलाफ गलत शिकायत दर्ज की जाती है।

कोलाबा पुलिस की तरफ से इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, महक मिर्जा प्रभु के खिलाफ लगाए गए आरोप सही नहीं पाए गए हैं।

आपको बता दें कि, 5 और 6 जनवरी को CAA और NRC के खिलाफ कथित प्रदर्शन करने वाले 36 लोगों के खिलाफ कुलाबा पुलिस ने सोमवार को चार्जशीट दायर की।

इन सभी 36 आरोपियों में से 29 अदालत में पेश हुए जिन्हें 10,000 रुपये के निजी मुचलके पर कोर्ट ने जमानत दे दी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च को होगी।

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