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रिक्शा यूनियन 21 मई को ई-बाइक टैक्सियों के खिलाफ हड़ताल करेंगी


रिक्शा यूनियन 21 मई को ई-बाइक टैक्सियों के खिलाफ हड़ताल करेंगी
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राज्यव्यापी विरोध के कारण बुधवार, 21 मई को मुंबई और पूरे महाराष्ट्र में रिक्शा सेवाएं बंद रहने की उम्मीद है। ई-बाइक टैक्सी सेवाओं की अनुमति देने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध करने के लिए रिक्शा यूनियनें विरोध का नेतृत्व कर रही हैं। (Rickshaw Unions to organise strike against E-Bike Taxis on May 21)

मुंबई ऑटो रिक्शा-टैक्सीमेन यूनियन ने अंधेरी आरटीओ कार्यालय में एक बड़े विरोध मार्च की घोषणा की है। यह एक दिन पहले मंगलवार, 20 मई को होगा। राज्यव्यापी विरोध से एक दिन पहले राज्य भर के आरटीओ में कई अन्य विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं।

यह विरोध महाराष्ट्र सरकार द्वारा अप्रैल 2025 में लिए गए निर्णय के बाद हुआ है, जब राज्य ने परिवहन विभाग के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। प्रस्ताव में ई-बाइक टैक्सियों को पूरे महाराष्ट्र में संचालित करने की अनुमति दी गई है। सरकार का कहना है कि इससे ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं के लिए स्वरोजगार का सृजन होगा।

रिक्शा यूनियनें इस फैसले से खुश नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार, उनका कहना है कि यह कदम एकतरफा और अनुचित है। उनके अनुसार, इस योजना से राज्य के 15 लाख से अधिक रिक्शा चालकों की आय को खतरा है। यूनियनों का यह भी कहना है कि निर्णय लेने से पहले उनसे उनकी राय नहीं मांगी गई। यूनियन नेताओं का मानना है कि सार्वजनिक परिवहन में ई-बाइक के आने से उनकी पहले से ही कम आय और कम हो जाएगी।

वे पहले से ही ईंधन की ऊंची कीमतों और बढ़ती महंगाई से जूझ रहे हैं। रिक्शा चालक चाहते हैं कि सरकार ई-बाइक टैक्सी योजना को रद्द करे। उनका कहना है कि ऐसे बड़े कदम उठाने से पहले राज्य को सभी प्रभावित समूहों से बात करनी चाहिए। उनका यह भी कहना है कि राज्य में 12 लाख रिक्शा हैं। इनमें से करीब 4.5 लाख मुंबई महानगर क्षेत्र में चलते हैं। इनमें से कई रिक्शा लोन पर चल रहे हैं।

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