क्रिसमस आने में अब बस कुछ ही दिन बचे हुए है। पूरी दुनियां में 25 दिसंबर को क्रिसमस बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। क्रिससम इव के दिन बच्चे सैंटा का इंतजार करते रहते है। क्रिसमस ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार है। क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। मुंबई में क्रिसमस की एक अलग ही रौनक रहती है। क्रिसमस से एक दिन पहले यानी की 24 दिसंबर की रात से लोग सड़को पर उतरकर इस त्यौहार का जश्न मनाने लगते है।
मुंबई में हम आपको बताते है कुछ ऐसे ही चर्च के नाम जहां पर क्रिसमस बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है और बड़ी बड़ी प्राथना सभाएं भी रखी जाती है।
माउंट मेरी चर्च , बांद्रा -
वैसे तो इस जगह की पहचान बताने की कोई जरुरत नहीं , बांद्रा स्थित माउंट मेरी चर्च की एक पहचान यहां होनेवाले मेले से भी होती है। माउंट मेरी मेला मुंबई में सबसे मेलों में से एक है। इस मेलें को देखने के लिए लोग शहर के कोने कोने से आते है। इस चर्च को बासिलिका ऑफ अवर लेडी ऑफ द माउंट भी कहा जाता है। क्रिसमस इव पर इस चर्च में काफी बड़ी प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है।
ऑवर्स लेडी ऑफ़ लूर्डेस चर्च-
मालाड के ऑर्लेम इलाके मे स्थित ये चर्च काफी पूराना है। ऑर्लेम में क्रिश्चन समुदाय के लोगों की संख्या ज्यादा है। इस इलाके में क्रिसमस के कई दिनों पहले ही रास्ते सज जाते है और दुकान क्रिसमस के सामानों से भरे रहते है। क्रिसमस इव पर इस चर्च में आसपास के इलाके के लोग प्रार्थना में हिस्सा लेते है।
ऑवर लेडी ऑफ रेमेडी चर्च -
कांदिवली के पोयसर इलाके में स्थित ऑवर लेडी ऑफ रेमेडी चर्च 400 साल पूराना चर्च है। ऑवर लेडी ऑफ रेमेडी चर्च 1550 में बनाया गया था। इसके साथ ही ऑवर लेडी ऑफ रिमेडी हाई स्कूल की स्थापना 1926 में की गई थी। ये स्कूल कांदिवली के सबसे पूराने स्कूलों में से एक है।
सेंट माइकल चर्च, माहिम
इस चर्च की स्थापना 1534 मे की गई थी। यह चर्च मुंबई के सबसे पूराने चर्च में से एक है। इसके अलावा इसे माहिम चर्च के नाम से भी जाना जाता है।